अपनी कब्र खुद खोद रही है कांग्रेस
मां बेटा मिलकर पार्टी को डुबो देंगे
2013-10-23 11:42
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अपने पैर पर कुल्हाड़ी चलाने में कांग्रेस अन्य सभी पार्टियों से आगे है। 1989 के लोकसभा चुनाव में उसकी दो कारणों से हार हुई थी। एक कारण था शाहबानों केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए मुस्लिम कट्टरवादियों के सामने किया गया आत्मसमर्पण। उसने उन्हें खुश करने के लिए संविधान में संशोधन कर डाला और शाहबानों मामले में हुए फैसले को निरस्त कर डाला। उसने दूसरा फैसला बाबरी मस्जिद के बंद पड़े ताले को खुलवा कर किया। वह ताला 1949 से ही बाबरी मस्जिद पर जड़ा हुआ था। उसे खुलवाने का फैसला कांग्रेस ने हि‘दू कट्टरवादियों को खुश करने के लिए किया था। राजीव गांधी ने तब सोचा था कि शाहबानों केस के फैसले को निरस्त करवाकर वह मुसलमानों का वोट हासिल कर लेंगे और बाबरी मस्जिद का ताला खुलवाकर हिंदुओं का वोट। लेकिन उनका अनुमान गलत निकला। 1984-85 के चुनाव में 410 से भी ज्यादा लोकसभा सीटें पाने वाली कांग्रेस 1989 के लोकसभा चुनाव में 200 सीटें भी जीत नहीं पाईं। इस तरह उसे लोकसभा में जो बड़ा बहुमत हासिल हुआ था, उसका इस्तेमाल उसने अपनी बर्बादी में किया।