Loading...
 
Skip to main content

View Articles

बेटी कणिमोझी जेल में: अब क्या करेंगे करुणानिधि

उपेन्द्र प्रसाद - 2011-05-26 09:40
डीएमके के नेता करुणानिधि के लिए यह संकट का समय है। तमिलनाडु मे उनकी सत्ता चली गई है और उनकी सांसद बेटी कणिमोझी जेल में है। अपनी बटी से मिलने वे दिल्ली तिहाड़ जेल आए और मिलकर चले गए। जिस समय वे दिल्ली में अपनी बेटी से मिल रहे थे, उसके कुछ घंटे पहले ही मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार अपने दूसरे कार्यकाल की दूसरी साल गिरह का जश्न मना रही थी। करुणानिधि की पार्टी डीएमके भी यूपीए की एक पार्टनर है। उसके पास लोकसभा मंे 18 सांसद है, जिनका समर्थन मनमोहन सिंह सरकार की स्थिरता के लिए बहुत आवश्यक है। कणिमोझी के जेल में रहने से व्यथित करुणानिधि क्या अपनी पार्टी को यूपीए से अलग कर लेंगे? यह सवाल आज आ खड़ा हुआ है।

भट्टा पारसौल कांड पर मायावती का पलटवार

केंद्र की भूमि अधिग्रहण कानून न बदलने के लिए आलोचना
प्रदीप कपूर - 2011-05-25 11:06
लखनऊः मुख्यमंत्री मायावती और उनकी बहुजन समाज पार्टी भट्टा पारसौल घटना के बाद राहुल गांधी और उनकी पार्टी द्वारा पेश की गई चुनौतियों का सामना करने की तैयारी में जुट गई हैं। ऊपर से देखन पर लगाता है कि मायावती को राहुल गाँधी और उनकी पार्टी की कोई परवाह नहीं है, लेकिन अंदर ही अंदर वे इस बात को समझती है कि यदि उन्होंने राहुल को गंभीरता से नहीं लिया तो वे उनके वोट बैंक को तोड़ सकते हैं।

घोटाले के साए में दूसरी यूपीए सरकार की दूसरी सालगिरह

प्रधानमंत्री द्वारा अपनी शक्ति का इस्तेमाल नहीं करने से सरकार की छवि प्रभावित
अमूल्य गांगुली - 2011-05-25 10:26
केन्द्र की मनमोहन सिंह सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल की दूसरी सालगिरह मनाई। कहने को ता यह दो साल पूरा होने का उत्सव था, लेकिन यह एक बेहद ही उदासी का दिन था। उत्सव मनाने के लिए सरकार के पास कुछ भी नहीं था। पिछला एक साल लगातार सरकार की विफलता का साल रहा है। एक के बाद एक घोटाले की ,खबरें आती रहीं और केन्द्र सरकार ने उन खबरों पर अपनी जो प्रतिक्रेयाएं दिखाईं, उनके कारण उसकी छवि खराब ही हुई है। इसके लिए यदि कोई जिम्मेदार है, तो वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा किसी तरह सरकार बनाए रखने की चाह है।

काग्रेस में भारी गुटबाजी

सहयोगी दलों ने भी कर रखा है नाक में दम
पी श्रीकुमारन - 2011-05-24 12:17
तिरुअनंतपुरमः केरल में सत्ता में आने के बाद भी कांग्रेस जबर्दस्त गुटबाजी की शिकार बनी हुई है। सहयोगी दल भी उसकी परेशानी का सबब बने हुए हैं। मंत्रिमंडल के गठन के पहले जो गतिविधियां चल रही थीं, उन्हें देखकर तो यही कहा जा सकता है।

पेट्रोल पर सब्सिडी की बातें तो बहुत होती हैं

सरकार बताए तेल से उसे कितना टैक्स मिलता है
उपेन्द्र प्रसाद - 2011-05-23 10:05
पेट्रोल की कीमत 5 रुपए प्रति लीटर की दर से बढ़ाकर तेल कंपनियों ने एक नया रिकार्ड बना डाला है। अब तक कभी भी एक झटके में इसकी कीमत इतनी ज्यादा नहीं बढ़ाई गई थी। कंपनियों का इससे भी संतोष नहीं है। वह कह रही है कि कीमत में 10 रुपए प्रति लीटर और वृद्धि करने के बाद ही उनका पेट्रोल घाटा समाप्त होगा। जब से कंपनियों को कीमतें खुद तय करने का अधिकार मिला है, तब से वे 9 बार कीमतें बढ़ा चुकी हैं और बढ़ाने के बाद यह कहने में भी नहीं चुकती कि वह अभी भी लोगों से कम कीमत ही वसूल कर रही हैं।

राहुल गांधी भट्टा परसौल जाने से रॉबिनहुड नहीं हो गए

जिनके घर शीशे के बने होते हैं, वे दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते
अवधेश कुमार - 2011-05-21 12:02
भट्टा परसौल के कुछ किसानों के साथ प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद राहुल गांधी एवं मायावती व उनकी सरकार आमने-सामने आ गए हैं। हालांकि राहुल ऐसा न करते तो भी कांग्रेस उनको महिमामंडित कर ही रही थी। भट्टा परसौल और आसपास के गांवों में जाने के बाद से पार्टी कार्यकर्ताओं का एक वर्ग राहुल गांधी को रॉबिनहुड की उपाधि दे रहा है।

भट्टा पारसौल का गोलीकांड और उसके बाद

सपा ने बसपा के साथ कांग्रेस को भी बताया जिम्मेदार
प्रदीप कपूर - 2011-05-21 11:58
लखनऊः समाजवादी पार्टी ने मुख्यमंत्री मायावती के अलावा किसानों की दुर्दशा के लिए राहुल गांधी, उनकी पार्टी कांग्रेस और केन्द्र की यूपीए सरकार को भी जिम्मेदार बताया है। उसका आरोप है कि पिछले सालों से इनके कारण राज्य में किसानों की दुर्दशा हुई है। भट्टा पारसौल कि विस्फोटक स्थिति के लिए भी इन सबकी संयुैत जिम्मेदारी को सपा ने रेखांकित किया है।

भारतीय राजनीति में महिला शक्ति

ममता बनर्जी और जयललिता की चुनौतियां
कल्याणी शंकर - 2011-05-20 07:17
ताजा विधानसभा चुनावों ने भारतीय राजनीति में महिला शक्ति की उपस्थिति को रेखांकित किया है। देश के दो बड़े राज्यों में इस बार महिला मुख्यमंत्री बनी हैं। दोनों में कई समानताएं हैं। दोनों क्षेत्रीय नेता हैं और अपनी अपनी पार्टियों की सुप्रीमो हैं। दोनों के नाम से ही उनकी पार्टियां चलती हैं। दोनों में एक समानता यह भी है कि वे दोनों कुंवारी हैं। दोनों ने अपने अपने राज्यों में अपने विरोधियों को भारी शिकस्त देने में सफलता पाई है।

बंगाल में सीपीएम की गलती

असंगत राजनीति ने भूमि सुधारों को भी बेमानी कर दिया
ओ पी सभरवाल - 2011-05-19 10:05
पश्चिम बंगाल में सीपीएम का उत्थान और पतन बहुपरतीय प्रक्रिया के तहत हुआ। 1977 में वहां एक किस्त की क्रांति हुई। वह क्रांति आपरेशन बरगा के रूप में हुई थी, जिसके तहत लाखों गरीब किसानों और बटाइदारों को जमीन, भात और उम्मीदें दी गई थीं। देश का यह सबसे प्रतिशील भूमि सुधार कार्यक्रम था। सच कहा जाए तो यह एक क्रांति थी, लेकिन उसे अपनी ताकिक परिणति तक नहीं पहुंचने दिया गया। इसका कारण असंगत राजनीति थी, जिसे सीपीएम उसके बाद अपनाती रही। भूमि सुधार के बाद आर्थिक रास्ते पर आगे बढ़ना चाहिए था और उसके बाद औद्यागिक सुधार लाकर वहां भी उसी तरह की क्रांति की जानी चाहिए थी, लेकिन वैसा कुछ किया नहीं गया। राजनीति अर्थनीति पर हावी हो गई। और इसका परिणाम हमारे सामने है।

कार्यसमिति की बैठक में बसपा सरकार होगी बीजेपी के निशाने पर

एस एन वर्मा - 2011-05-18 13:51
नई दिल्ली। बीजेपी की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक 3 जून से लखनऊ में होगी। 3,4 एवं 5 जून को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में होनी वाली इस बैठक में मंहगाई, भ्रष्टाचार सहित केन्द्र सरकार की चौतरफा नाकामी एवं उत्तर प्रदेश की बसपा सरकार के अत्याचार, अंहकार एवं अराजकता के खिलाफ रणनीति पर चर्चा की जाएगी।