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ईवीएम को लेकर फिर उठी चिंता, डाले गये वोटों का मिलान वीवीपैट से होना चाहिए

छेड़छाड़ रोधी नई ईवीएम मशीनों से संदिग्ध पुरानी मशीनों को बदलना होगा
डॉ. ज्ञान पाठक - 2024-01-05 10:31
ईवीएम को लेकर चिंताएं फिर से सामने आ गयी हैं, क्योंकि पुरानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम) अभी भी बड़ी संख्या में उपयोग में हैं, नयी ईवीएम जो वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रायल (वीवीपीएटी) पेपर रिकॉर्ड के साथ आते हैं, पर्याप्त और व्यापक रूप से इस्तेमाल में नहीं हैं, और यहां तक कि सभी वीवीपैट भी गिनकर डाले गये मतों से मिलान नहीं किये जाते। इसलिए छेड़छाड़ और भेद्यता से इंकार नहीं किया जा सकता है, और कुछ समय पहले भी एक शोध पत्र में लोकसभा चुनाव परिणाम 2019 में "अनियमित पैटर्न" पाया गया था।

अडानी मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से विरोधियों में नहीं जगा विश्वास

लीपापोती में शामिल संस्थानों को ही निर्णय करने का काम भी सौंपा गया
के रवीन्द्रन - 2024-01-04 10:56
अडानी समूह के खिलाफ आरोपों की सेबी जांच की पर्याप्तता के विरूद्ध बहुप्रतीक्षित याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला न तो ठोस है और न ही निर्णायक। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने बाजार के नियामक को अपनी जांच पूरी करने के लिए और तीन महीने का समय दिया है। अदालत ने संक्षेप में गेंद सरकार के पाले में डाल दी है, जिसे मोटे तौर पर कुख्यात कवर-अप में रुचि रखने वाली पार्टी माना जाता है। यदि सेबी इतने महीनों में जांच पूरी नहीं कर सकता है तो जाहिर तौर पर वह इस कार्य में लगा हुआ है, तो ऐसा कोई रास्ता नहीं है कि वह इसे तीन महीने में पूरा कर सके। इसलिए, समय का विस्तार इसमें काम नहीं आयेगा।

भारत 2024 में सबसे ऊंची विकास दर हासिल करने को तैयार

चुनाव वर्ष में रहेगी बेरोज़गारी के बीच नागरिकों में मुफ्त बांटने की होड़
के रवीन्द्रन - 2024-01-01 10:37
यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चुनावी वर्ष है और मजबूत आर्थिक प्रदर्शन का फुटनोट विकास को प्रभावित करने वाले मुफ्त और सब्सिडी की राजनीति के जोखिमों को इंगित करेगा। साल के मध्य से दबाव बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि विकास के संचालक कम से कम कुछ स्तरों पर गियर बदल देंगे। खाद्य सहायता कार्यक्रमों, रसोई गैस सब्सिडी और ग्रामीण रोजगार योजनाओं के लिए आवंटन में बढ़ोतरी का संकेत पहले ही दिया जा चुका है।

2024 होगा अन्याय के खिलाफ बड़ी लड़ाई का वर्ष

नरसंहार का सामना करते फिलिस्तीनी और भारत में लोकतांत्रिक संघर्ष
पी.सुधीर - 2023-12-30 10:41
वर्ष 2023 का अंत गाजा में इजरायली युद्ध-मशीन द्वारा फिलिस्तीनियों के नरसंहार की काली छाया के साथ होगा। इज़रायल की लगभग तीन महीने की क्रूर आक्रामकता के कारण (26 दिसंबर तक) गाजा में 20,915 लोग मारे गये, जिनमें से 8,000 से अधिक बच्चे हैं। अन्य 53,918 लोग घायल हुए हैं और बेहिसाब संख्या में लोग अभी भी बमबारी वाली इमारतों के मलबे में दबे हुए हैं।

नकदी अभी भी भारतीय दैनिक जीवन का मूलभूत हिस्सा

विमुद्रीकरण के बावजूद बरकरार है 'बैंक नोटों का विरोधाभास'
गिरीश लिंगन्ना - 2023-12-29 10:32
2016 में, भारत ने अचानक दो प्रकार के बैंकनोटों का उपयोग बंद कर दिया, जो उपयोग में आने वाले सभी धन का 86% थे। यह आधिकारिक दावे के अनुसार भ्रष्टाचार और छिपे हुए धन से लड़ने के लिए किया गया था।

प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों में बड़ी खुदरा क्रांति के दरवाजे पर भारत

खाद्य प्रसंस्करण को लाभदायक व्यवसाय बनाने के लिए केंद्र ने किया अमेज़न का रुख
कुणाल बोस - 2023-12-28 10:40
भारत अपने फलों और सब्जियों के उत्पादन की एक बड़ी मात्रा को नष्ट होने से बचाने के लिए सदैव संघर्षरत रहा है। उत्पादन केंद्रों से लेकर अंतिम उपभोक्ताओं तक बर्बादी को नियंत्रित करते हुए, लॉजिस्टिक्स को बेहतर ढंग से संभालने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। अब, घाटे को और कम करने के प्रयास में, केंद्र ने ई-कॉमर्स प्रमुख अमेज़ॅन द्वारा विकसित एक प्रौद्योगिकी उपकरण को शामिल किया है, जो वाई-फाई-सक्षम आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) कैमरों की सहायता से ताजा उपज में अंतर्निहित दोषों की पहचान करता है।

संसद की सुरक्षा में सेंधमारी के चुनावी प्रभाव से बचा नहीं जा सकता

मोदी सरकार की विफलता को उजागर करता है विपक्षी सांसदों का निलंबन
कल्याणी शंकर - 2023-12-27 10:18
संसद में हालिया सुरक्षा उल्लंघन के गंभीर राजनीतिक, चुनावी, विधायी और सुरक्षा निहितार्थ हैं। 146 सांसदों के अभूतपूर्व निलंबन ने अब विपक्षी इंडिया गठबंधन को एकजुट कर दिया है।

सर्वसम्मति बनाने वाले नेताओं में महान थे अटल बिहारी बाजपेयी

आज के भाजपा नेताओं में उतना आदरणीय स्थान किसी को नहीं
तीर्थंकर मित्र - 2023-12-26 10:29
ऐसे बहुत से नेता नहीं हैं जिन्हें उनके अनुयायी और राजनीतिक विरोधी तब भी आदर की दृष्टि से देखते हों, जब वे नहीं रहे हों। दिवंगत प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी इसी प्रतिष्ठित समूह से हैं। एक महान सर्वसम्मति निर्माता, जिनकी 99वीं जयंती 25 दिसंबर है, ने अलग-अलग राजनीतिक विचारधाराओं के गठबंधन को एक विजयी संयोजन में बदल दिया था। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह कार्यालय की मुहर लगा रहे थे या विपक्षी बेंच में बैठे थे, जब भी वाजपेयी बोलने के लिए खड़े होते थे, राजनीतिक विभाजन से ऊपर उठकर सांसद उन्हें सुनते थे।

बदलते भारत का नेतृत्व, देश की प्रगति और उभरे विवाद

कुछ कल्पना, कुछ वास्तविक, और शेष दोनों के बीच
गिरीश लिंगन्ना - 2023-12-23 10:38
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में अपने आधिकारिक निवास का नाम लोक कल्याण मार्ग (एलकेएम) रखा। नया नाम मोदी की लोकलुभावनवाद और भारत के औपनिवेशिक अतीत को खत्म करने के झुकाव को दर्शाता है। सख्त सुरक्षा चौकी से परे "7 एलकेएम" में मोर और आंतरिक आंगन हैं जो फूलों की बड़ी आकर्षक सजावट से सजाये गये हैं। परिसर में ही एक बैठक कक्ष है जिसकी छत पर विश्व मानचित्रों को दर्शाने वाले भित्तिचित्र हैं। कैबिनेट कक्ष में "प्रस्तावना" के कुछ अंश अंकित हैं।

कार्यपालिका द्वारा पूर्ण शक्ति हथियाना अलोकतांत्रिक

मोदी-शाह की प्रशंसा के साथ नये आपराधिक और साक्ष्य कानून पारित
डॉ. ज्ञान पाठक - 2023-12-22 10:13
पिछले कुछ वर्षों से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार अपराध और साक्ष्य से संबंधित विभिन्न कानूनों में बदलाव के माध्यम से खुद को इस हद तक सशक्त बना रही है कि वह छापेमारी, गिरफ्तारी, जब्ती, हिरासत में लेने, मुकदमा चलाने - यहां तक कि यदि वह चाहे तो किसी को भी क्षमा करने के लिए कुछ कानूनों को मनमाने ढंग से लागू कर सकती है। 20 दिसंबर, 2023 को लोकसभा में तीन विधेयकों - भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता, और भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता - का पारित होना इस श्रृंखला में नवीनतम है, जिसे ध्वनिमत से सरसरी तौर पर मंजूरी दे दी गयी।