भारत
ज्योति बसुः मिट्टी के पांव पर विशाल व्यक्तित्व
सीपीएम ने उनको अनसुना कर अपना नुकसान किया
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2010-01-19 10:30 UTC
यह एक संयोग है, लेकिन सच है कि ज्योति बसु का निधन वैसे समय में हुआ है, जब भारत में वामपंथ ढलान पर है। अपनी अधिक उम्र के कारण बसु पार्टी को सलाह देने में सक्षम नहीं थे और उनकी बात पार्टी मान ही लेती, इसकी भी कोई गारंटी नहीं थी। लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती कि आज उनकी पार्टी को उनके जैसे एक नेता की सख्त जरूरत है।