Loading...
 
Skip to main content

View Articles

सर्वोच्च न्यायालय ने रोकी दोषियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई

न्यायालय, न्याय और नांदीग्राम

लेकिन जारी रहेगी सीबीआई की कार्यवाही, गोली चालन ‘अनुचित’ की टिप्पणी हटाने से इनकार
ज्ञान पाठक - 2007-12-13 13:26
माननीय सर्वोच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति बैठते हैं और उनके पास, हम मानकर चलते हैं कि ज्यादा विवेक है। हो सकता है कि सीबीआई को पश्चिम बंगाल पुलिस के दोषी अधिकारियों और अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ आपराधिक मामले शुरु करने से रोकने के पीछे भी कोई राज हो और वह राज भी मानवता के उच्च मानदंड के अनुकूल हो। लेकिन ऐसा निर्णय अद्भुत है और कई कारणों से अद्भुत।
संप्रग सरकार के कपटी आश्वासनों पर भरोसा नहीं

संसद में छल बल और बेवसी

भारतीय विपक्ष भी आशंकित और सत्तापक्ष के सहयोगी गठबंधन साथी भी
ज्ञान पाठक - 2007-12-06 11:50
कल राज्य सभा में भारत के विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि भारत अमेरिकी नाभिकीय समझौते के लागू होने के बाद सरकार सदन की भावना का ख्याल रखेगी। आखिर ऐसा करने का राज क्या है और उनकी बातों पर क्या सोचा जाना चाहिए?
कांग्रेस में चापलूसी और निकम्मेपन का घुन

राहुल का नुस्खा और इलाज

नब्ज पकड़ी पर नीयत ठीक हो तो बात बने
ज्ञान पाठक - 2007-11-22 16:26
काग्रेस की बीमारी क्या है? संगठन में क्या - क्या परिवर्तन करने की आवश्यकता है? पार्टी को जीवंत कैसे बनाया जाये?... आदि - आदि। ऐसे सवाल नये नहीं हैं। नया है तो यह कि अब राहुल गांधी को मैदान में उतारा गया है और उन्होंने कुछ बातें भी कहीं, नुस्खा भी बताया। लेकिन...
राहुल ने पकड़ी यूपी कांग्रेस की असल बीमारी

लेकिन इलाज का सवाल

मुर्दा हो चुकी कांग्रेस क्या जिंदा भी हो सकेगी
हिसाम सिद्दीकी - 2007-11-21 12:57
आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के जनरल सेक्रेटरी राहुल गांधी उत्तर प्रदेश कांग्रेस की असल बीमारी समझ चुके है। यह अंदाजा उन्हीं की बातों से पिछले दिनो लखनऊ में उस वक्त लगा जब वह मीडिया से मुखातिब हुए। पार्टी का मर्ज जानकर उन्होंने यह तो जाहिर कर दिया कि वह एक सियासी डाक्टर बन चुके है, लेंकिन अस्ल सवाल यह है कि क्या वह इतने माहिर हैं।
अप्रत्याशित विदेशी धनागम से भारत को खतरा

भोजन की घटती उपलब्धता

वित्त मंत्री को ऐसे आर्थिक विकास पर गर्व
ज्ञान पाठक - 2007-11-12 18:53
भारत के वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने देश के आर्थिक विकास की एक तस्वीर पेश करते हुए देश के आर्थिक संपादकों के एक सम्मेलन में कहा कि उन्हें और उनकी सरकार को गर्व है। उन्होंने कहा कि ऐसा गर्व क्षमा योग्य है। लेकिन क्या भारत की जनता उन्हें क्षमा कर सकेगी विशेषकर वे जिनके लिए भोजन की उपलब्धता घटी है? उन्होंने देश की विकास दर सकल घरेलू उत्पाद का 9.4 प्रतिशत बताया लेकिन यह भी स्वीकार किया कि प्रति व्यक्ति भोजन की उपलब्धता कम होती जा रही है। सवाल है कि ऐसे विकास का हमारी आम जनता क्या करेगी?

ज्ञान पाठक के अभिलेखागार से

यह धोखा है कामरेड

जनविरोधी नीतियों के साथ भी और विरोध में भी !
System Administrator - 2007-11-11 06:41
सोचने के लिए मजबूर करने वाली बात यह है कि केन्द्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की जो सरकार चल रही है वह तो वामपंथी राजनीतिक पार्टियों के समर्थन पर ही चल रही है। यदि वामपंथी राजनीतिक पार्टियों को यह ज्ञान है कि सरकार की नीतियां “जन विरोधी और श्रमिक विरोधी” हैं तो वे ऐसी सरकार को समर्थन ही क्यों दे रहे हैं।
ज्ञान पाठक के अभिलेखागार से

विशेष आर्थिक क्षेत्र की नयी यो

सरकार की अधिनायकवादी प्रवृत्ति और चीखते-चिल्लाते लोग
System Administrator - 2007-11-11 06:20
मामला काफी गंभीर है और सरकार की प्रियोक्ति अलंकार वाली भाषा पर भरोसा करना ऐसे समय में उचित नहीं होगा। उद्योग और कृषि दोनों क्षेत्रों को अधिकांश लोगों को नुकसान से बचाने का इंतजाम और आगे की विकास की योजनाएं साथ-साथ चलनी चाहिए, एक दूसरे की कीमत पर नहीं। विकृति लाने के अथक प्रयासों के मुकाबले अथक विरोध ही एक रास्ता बचा है तथा चिकनी चुपड़ी बातों में आकर खूंटा वहीं नहीं गड़ने देना चाहिए जहां सरकार चाहती है। पहले चीखते-चिल्लाते लोगों के दुख जरुर सुन लें
ज्ञान पाठक के अभिलेखागार से

ठेकेदार की धमकी से उठा बवंडर

झारखंड में कोड़ा का राज चलेगा
System Administrator - 2007-11-11 05:41
झारखंड की राजनीति में ‘कोड़ा’? यह कोई नयी बात नहीं, फर्क सिर्फ इतना है कि उसका स्वरुप बदला हुआ होगा। पहले सत्ता में बने रहने और निर्बाध लूट-खसोट जारी रखे रहने के लिए धमकियों का कोड़ा चलता था पर अब वहां की राजनीति में मधु कोड़ा ही चलेगा और वह भी मुख्य मंत्री के रुप में।
ज्ञान पाठक के अभिलेखागार से

भूल-भुलैयों का मजा भी लीजिए

प्रधान मंत्री डा. मनमोहन सिंह के साथ
System Administrator - 2007-11-11 05:30
सबकी जिंदगी मजे में कटे। डा. मनमोहन सिंह जी की तो कट गयी। उनके साथ सबकी जिंदगी मजे में कट सकती है। उनके साथ गर्दन तक बड़े प्यार से कट जाती है। उनके साथ तो हल्ला हंगामा से भी बचकर साफ निकल जाना आसान हो जाता है। पुरानी कहावत है – जैसा देवता वैसी पूजा। उसमें डाक्टर साहब को महारत हासिल है। हर तरह के देवता को वे मजे में रखना जानते हैं।
ज्ञान पाठक के अभिलेखागार से

राजस्थान में गुज्जर आन्दोलन

System Administrator - 2007-10-20 07:31
राजस्थान में गुज्जर आन्दोलन के चलते राज्य सुलग रहा है। राज्य के 30 में से 26 जिलों में हिंसा और उपद्रव का वातावरण है। आन्दोलन के तीसरे दिन तक पुलिस फायरिंग और भीड़ की हिंसा में 20 लोग मारे जा चुके हैं और सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हैं।