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रामचरितमानस में लोक मंगल की कामना

राजीव मिश्र - 2010-02-08 16:25
राम की कथा गोस्वामी तुलसीदास से पहले देववाणी संस्कृत में ही लिखी गर्ई थी और जन साधारण के लिए यह केवल 'श्रवणीय' थी क्योंकि वह भाषा जिसमें रामकथा लिखि गयी थी, उसके लिए सहज ग्राह्‌य नहीं थी और भाषा की क्लिष्टता के कारण उसकी पठनीयता बाधित थी। बड़े ही साहस के साथ गोस्वामी तुलसीदास ने तत्कालीन बोलचाल की भाषा में रामकथा लिखनी प्रारंभ की।

पानी के लिए लोग होंगे पानी-पानी

संतोष सारंग - 2010-02-08 16:18
आज विश्व की लगभग एक अरब आबादी को जल के लिए तरसना पड़ रहा है। भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान, ब्राजील जैसे तमाम विकासशील देशों में लाखों लोग गंदे पानी से पैदा होनेवाली बीमारियों के कारण मौत के ग्रास बन जाते हैं। धरती के संपूर्ण जल में साफ पानी का प्रतिशत ०.३ से भी कम है। आनेवाले अगले २० वर्षों में खेती, उद्योग सहित अन्य क्रियाकलापों के लिए ५७ फीसदी अतिरिक्त जल की आवश्यकता होगी। कुछ दशक पूर्व पर्यावरणविदें एवं जल विशषज्ञों ने भविष्यवाणियां की थीं कि अगला विश्वयुद्ध पानी के लिए होगा ।

समुद्र जल के खारेपन को दूर कर उसे पीनेयोग्य बनाने की एक अग्रगामी योजना

विशेष संवाददाता - 2010-02-05 11:25
नई दिल्ली: भू-विज्ञान मंत्रालय ने समुद्र जल के खारेपन को दूर कर उसे पीनेयोग्य बनाने की एक अग्रगामी यानी महत्त्वपूर्ण योजना शुरू की है।

वैज्ञानिक प्रयोगों में बढ ऱहा है वानरों का उपयोग

हालांकि और भी तरीके हैं आधुनिक विज्ञान के पास
ज्ञान पाठक - 2010-01-15 12:42
नई दिल्ली: 1990 के दशक के पूर्व वैज्ञानिक प्रयोगों में वानरों का उपयोग अधोगामी माना जाता था किन्तु आज इसका उल्टा है । आधुनिक आंकड़े दर्शाते हैं कि प्रयोगों में वानरों का उपयोग बढ ऱहा है ।

महामना पंडित मदनमोहन मालवीय की याद में

विशेष संवाददाता - 2009-12-25 03:14
भारत की आजादी और नवनिर्माण के लिए अपना जीवन होम कर देने वाले वीर सूपतों में से एक और महामना के नाम से जाने जाते रहे स्वर्गीय मदनमोहन मालवीय की जन्मशती कब आती है और कब चली जाती है उसे देश की आम जनता नहीं जानती। आम लोगों को तो छोड़िए दिल्ली के विधायकों को उनकी जन्मतिथि याद नहीं है।

स्वास्थ्य के लिए आवश्यक आयोडिन

विशेष संवाददाता - 2009-12-09 10:58
आयोडीन की कमी से होने वाले विकारों से दुनियाभर के लाखों लोगों के स्वास्थ्य, कल्याण, आर्थिक उत्पादकता और प्रगति पर गंभीर खतरा बना हुआ है । आयोडीन की कमी से ग्रस्त व्यक्ति बहरे -गूंगेपन, भेंगापन, समयपूर्व जन्म, गर्भपात, किसी भी आयु में गण्डमाला, तंत्रिका तंत्र एवं मानसिक और शारीरिक व्याधियों से ग्रस्त रहते हैं। सामान्य रूप से जन्म लेने वाले बच्चे भी आयोडीन की कमी वाले भोजन से मतिमंदता और उदासीनता के शिकार हो जाते हैं ।

शीघ्र बुढ़ापा लाता है बचपन का उत्पीड़न

विशेष संवाददाता - 2009-11-22 05:03
जो लोग जो बचपन मे किसी भी कारण से उत्पीड़न का शिकार होते है उन पर उम्र की छाप जल्दी चढ़ती है। अमेरिका के ब्राउन विश्वविद्यालय मे हुए एक शोध में यह पता चला है।


जिन्ना की धर्म-निरपेक्षता

राजकिशोर - 2009-08-20 10:01
मुहम्मद अली जिन्ना का मैं फैन नहीं हूं। न ही पाठक हूं जसवंत सिंह का हूं। मुझे यह भी ठीक-ठीक मालूम नहीं कि जिन्ना धर्मनिरपेक्ष थे या नहीं । जब जिन्ना की तारीफ में किताब लिखने के कारण जसवंत सिंह को भाजपा से निकाल दिया गया, तो मैंने सोचा कि अब तो जिन्ना के बारे में कुछ जान ही लेना चाहिए। मेरा मानना है कि कोई जना धार्मिक है, धर्मनिरपेक्ष है, आधुनिक है या प्रगतिशील है, यह जानने में उसके विचारों, उसकी राजनीति या उसके साहित्य से अधिक उसका निजी और पारिवारिक जीवन ज्यादा सहायक हो सकता है। इसलिए मुहम्मद अली जिन्ना की धर्मनिरपेक्षता की बाबत स्टेनली वोलपर्ट द्वारा लिखित, मुहम्मद अली जिन्ना की प्रामाणिक और प्रसिद्ध जीवनी (हिन्दी अनुवाद अभय कुमार दुबे, वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली, 2008) से पाकिस्तान के राष्ट्रपिता निजी जीवन की कुछ घटनाओं को मैं यहां प्रस्तुत करना चाहता हूं।
शिक्षा

पत्रकारिता का पुनर्वर्गीकरण और इसके भेद

अनुसंधान को आगे बढ़ाने की जरुरत
डॉ ज्ञान पाठक - 2009-06-16 08:52
पत्रकारिता का अस्तित्व में आना ही तब संभव हुआ जब सूचनाओं के व्यक्तिगत संप्रेषण को सार्वजनिक करने की जरुरत महसूस हुई। इसके लिए अनेक माध्यमों का सहारा लिया गया और सूचनाओं को अनेकानेक तरीकों से प्रस्तुत किया गया। लेकिन ...
पिरामिड और एक परछाईं

आशा और निराशा के बीच

पाठकों से सीधी बात करती कविताएं
ज्ञान पाठक - 2008-02-21 17:47
पिरामिड और एक परछाईं रांची विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के पूर्व प्राध्यापक केशव प्रसाद की हाल की कविताओं का संग्रह है जिसमें कवि अपने पाठकों से सीधी बातचीत करते हैं।