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पांच राज्यों में कांग्रेस की शर्मनाक पराजय

अब तो गांधी परिवार को नेतृत्व छोड़ ही देना चाहिए
उपेन्द्र प्रसाद - 2022-03-17 11:21
कांग्रेस की हालत आज जैसी है, वैसी इसके इतिहास में कभी नहीं थी। पिछले दिनों पांच राज्यों की विधानसभा के चुनावों में इसकी हुई दुर्गति अभूतपूर्व है। उत्तर प्रदेश, जो कभी कांग्रेस का गढ़ था, देश की पुरानी पार्टी के लिए अजनबी या यूं कहिए कि देश की सबसे बड़ी आबादी वाले इस प्रदेश के लिए कांग्रेस अजनबी बन गई है। वहां कांग्रेस के मात्र दो विधायक जीतकर आए। वोटों का प्रतिशत इतना कम कि उतने पर निर्वाचन आयोग किसी नई पार्टी को प्रदेश स्तरीय पार्टी की मान्यता तक नहीं देता। यानी कांग्रेस अब उत्तर प्रदेश में एक क्षेत्रीय पार्टी की मान्यता पाने लायक भी नहीं रह गई है।

पांच राज्यों में हार के बाद कांग्रेस आलाकमान के पास मुंह छुपाने के लिए कुछ भी नहीं

पार्टी को बचाने के लिए वे जिम्मेदारी लें, जिनके ऊपर जिम्मेदारी है
अरुण श्रीवास्तव - 2022-03-16 09:44
सोनिया गांधी ने अपने बेटे राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी के साथ पीछे हटने की पेशकश की। यह गांधी परिवार को कांग्रेस के दायित्व के आरोप से बचाने के लिए सोनिया का एक रणनीतिक कदम था यह सुनिश्चित करने के लिए कि उनका बेटा पार्टी को निर्देशित करना जारी रखे। कागज पर कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो भाजपा का मुकाबला कर सकती है, लेकिन हकीकत यह है कि यह काफी कमजोर हो गई है और बिना मस्तूल के एक बड़े जहाज में बदल गई है।

हिजाब विवाद के कारण ही भाजपा जीती

अनिर्णित मतदाताओं ने इसके असर से अपने मत भाजपा को दे डाले
उपेन्द्र प्रसाद - 2022-03-15 09:55
पंजाब के अलावा अन्य राज्यों में भाजपा की जीत को मोदी के कारण हुई जीत बताई जा रही है। चूंकि मोदी के चेहरे पर यह चुनाव भाजपा लड़ रही थी, इसलिए इसे गलत भी नहीं कहा जा सकता, लेकिन जीत में यदि किसी ने सबसे ज्यादा भूमिका निभाई तो वह भूमिका हिजाब विवाद की थी। यह विवाद कर्नाटक में शुरू हुआ, जहां चुनाव नहीं था, लेकिन वहां भाजपा की सरकार थी। यह विवाद सिर्फ कर्नाटक तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने राष्ट्रीय आयाम प्राप्त कर लिया। वैसे मीडिया के कारण एक छोटे से स्थानीय विवाद के राष्ट्रीय स्वरूप में आ जाना अब बहुत कठिन नहीं है, लेकिन यहां तो चुनाव हो रहे थे और इसमें भारतीय जनता पार्टी को फायदा होना था, तो इसे राष्ट्रीय स्वरूप ग्रहण करने में देर नहीं लगी। हिजाब समर्थकों ने भी अति उत्साह दिखाया और उन्होंने तो इसका अंतरराष्ट्रीयकरण तक कर दिया। और इसका राजनैतिक फायदा भारतीय जनता पार्टी को हुआ।

मणिपुर में बीजेपी की जीत का पूर्वोत्तर क्षेत्र पर पड़ेगा बड़ा असर

केवल 16.83 प्रतिशत वोट शेयर के साथ कांग्रेस का भविष्य खराब
सागरनील सिन्हा - 2022-03-14 10:31
हर बार जब प्रमुख बुद्धिजीवियों, प्रतिष्ठित पत्रकारों और राजनीतिक विश्लेषकों का एक वर्ग यह प्रचार करने की कोशिश करता है कि भारतीय जनता पार्टी का वर्चस्व एक अतीत है, तो भगवा पार्टी भारी जनादेश के साथ राज्यों को जीतकर जवाब देती है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दोनों में भगवा पार्टी के इतिहास को राष्ट्रीय मीडिया द्वारा बार-बार कहा गया है। यह निस्संदेह सच है। लेकिन राष्ट्रीय मीडिया में जिस बात को ज्यादातर नजरअंदाज किया गया, वह यह है कि भाजपा ने पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में एक और इतिहास रच दिया है।

मोदी ने योगी सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का मुकाबला करने में भाजपा की मदद की

संघ परिवार 2024 में लोकसभा चुनाव में संभावनाओं के बारे में उत्साहित
प्रदीप कपूर - 2022-03-12 16:08
लखनऊः उत्तर प्रदेश में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के व्यापक अभियान ने योगी सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का मुकाबला किया, जो 2017 के चुनावों के मुकाबले 2022 के चुनावों में सीटों में भारी गिरावट से स्पष्ट है।

पांच विधानसभा चुनावों के नतीजों से कांग्रेस को तगड़ा झटका

2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अब ‘दो पटरी’ दृष्टिकोण ही एकमात्र रास्ता
नित्य चक्रवर्ती - 2022-03-11 11:14
पांच राज्यों - उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनावों के नतीजों से पता चला है कि कांग्रेस का पतन हो गया है। पार्टी ने न केवल अपने सत्तारूढ़ राज्य पंजाब को आम आदमी पार्टी (आप) के हाथों बुरी तरह से खो दिया है, बल्कि 2017 के चुनावों की तुलना में गोवा और मणिपुर दोनों राज्यों में भी बुरा प्रदर्शन किया है जब वह सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। उत्तराखंड में, पार्टी ने सीटों के मामले में थोड़ा सुधार किया है, लेकिन भाजपा ने राज्य को बरकरार रखा है। उत्तर प्रदेश में, किसी को भी कांग्रेस के चमत्कार की उम्मीद नहीं थी, लेकिन प्रियंका गांधी के सघन प्रचार के बावजूद उसे सिर्फ 2 सीटें मिलीं।

पंजाब में आम आदमी पार्टी की जीत

भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस एक्शन हुए, तो 2024 का चुनाव मोदी बनाम केजरीवाल
उपेन्द्र प्रसाद - 2022-03-10 10:43
पांच राज्यों की विधानसभा के चुनावों के नतीजे आ चुके हैं, लेकिन देश के भविष्य की राजनीति को प्रभावित करने वाला सबसे महत्वपूर्ण नतीजा पंजाब से आया है। यहां केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की सरकार बन रही है और भगवंत सिंह मान प्रदेश के मुख्यमंत्री बन रहे हैं। इस जीत के साथ आम आदमी पार्टी पहली बार किसी प्रदेश में सरकार बना रही है। वैसे उसकी सरकार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी है और इसे भी प्रदेश की कहा जाता है, लेकिन यह पूर्ण प्रदेश नहीं है। यह एक केन्द्र शासित प्रदेश है, जिसमें प्रदेश सरकार के अधिकार बहुत ही सीमित हैं। पुलिस उसके हाथ में नहीं है। केजरीवाल सरकार के गठन के पहले भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ( एंटी क्राइम ब्रांच- एसीबी) प्रदेश सरकार के पास हुआ करती थी, लेकिन मोदी सरकार ने उसे अपने हाथ में ले लिया। यहां के अधिकारियों की नकेल भी केन्द्र सरकार के पास ही होती है। इसलिए भ्रष्टाचार मिटाने के लिए पर्याप्त अधिकार दिल्ली की केन्द्र शासित प्रदेश के पास है ही नहीं।

एग्जिट पोल यानी सटोरियों और टीवी चैनलों का कारोबारी उपक्रम

कभी-कभी सत्तारुढ़ दल भी इस उपक्रम में भागीदार बन जाता है
अनिल जैन - 2022-03-09 11:20
उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान का सिलसिला खत्म हो चुका है। चुनाव के वास्तविक नतीजे 10 मार्च को आएंगे, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी विभिन्न सर्वे एजेंसियों और टीवी चैनलों ने एग्जिट पोल के अपने-अपने अनुमान पेश कर दिए है। सभी एग्जिट पोल में हमेशा की तरह पंजाब के अलावा बाकी चार राज्यों में अन्य दलों के मुकाबले भारतीय जनता पार्टी की बढ़त दिखाई गई है। इन चारों राज्यों के एग्जिट पोल्स में विभिन्न दलों को मिलने वाली सीटों के अनुमान तो अलग-अलग हैं ही, साथ ही वे अनुमान उन प्रदेशों के राजनीतिक माहौल से भी मेल नहीं खाते हैं। यही वजह है कि विभिन्न दलों के नेताओं और राजनीतिक विश्लेषकों ने भी एग्जिट पोल्स के अनुमानों को खारिज किया है।

चुनाव नतीजों के बाद भाजपा के ‘मास्टर स्ट्रोक’ से बचने की तैयारी में जुटी कांग्रेस

अनिल जैन - 2022-03-08 10:34
पिछले कुछ सालों के दौरान लगातार देखा गया है कि जिस भी राज्य के विधानसभा चुनाव में स्पष्ट जनादेश नहीं आता है वहां भारतीय जनता पार्टी विधायकों की जोड़तोड़ और खरीद-फरोख्त के जरिए अपना बहुमत बनाने की कोशिश करती है। जब ऐसी कोशिश कामयाब हो जाती है तो दरबारी मीडिया उसे भाजपा का ‘मास्टर स्ट्रोक’ बताता है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव: नतीजे त्रिशंकु भी हो सकते हैं

उपेन्द्र प्रसाद - 2022-03-03 09:56
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण चुनाव उत्तर प्रदेश का है, क्योंकि यह देश की सबसे ज्यादा आबादी वाला प्रदेश है। लोकसभा में ही नहीं, बल्कि राज्यसभा में भी यह सबसे ज्यादा प्रतिनिधि भेजता है। यदि भारतीय जनता पार्टी अपनी 2017 की सफलता को एक बार और दुहरा लेती है, तो आगामी राज्यसभा के द्विवर्षीय चुनाव में इसकी स्थिति उच्च सदन के अंदर और भी मजबूत हो जाएगी। और यदि भाजपा ने यह राज्य गंवा दिया, तो उसके संगठन और कार्यकर्त्ताओं के मनोबल में भारी गिरावट आएगी और नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व पर भी संदेह पैदा होने लगेगा।