मांडुपुर नदी पर बने इस पुल का निर्माण 13वीं शताब्दी में हुआ था। नगर के प्रवेश द्वार पर स्थित यह ब्रिज 85 मीटर लंबा और 11 मीटर चैड़ा है। मंदिर को मध्यकाल की निर्माण कला का बेहतरीन उदाहरण माना जाता है।