ढकोसला
ढकोसला लोकसाहित्य में, विशेषकर ब्रज में, प्रचलित एक प्रकार की लोकोक्तियां हैं जिसके सिर-पैर नहीं होते। बढती बात को अटकाने के लिए इनका प्रयोग होता है।
उदाहरण – भैंसिया चढ़ी पेड़पै, लपलप गूलर खाय।
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