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ढकोसला

ढकोसला लोकसाहित्य में, विशेषकर ब्रज में, प्रचलित एक प्रकार की लोकोक्तियां हैं जिसके सिर-पैर नहीं होते। बढती बात को अटकाने के लिए इनका प्रयोग होता है।

उदाहरण – भैंसिया चढ़ी पेड़पै, लपलप गूलर खाय।

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ढांक, तंजौर कला, तंत्र, तत्व, तद्गुण, तन्त्र में उल्लास

Page last modified on Tuesday June 27, 2023 13:50:09 GMT-0000