तरीकत
किसी भी सम्प्रदाय में प्रचलित आध्यात्मिक मार्ग को तरीकत कहते हैं। ग्यारहवीं शताब्दी में अनेक प्रकार के सूफी सम्प्रदायों की स्थापना के बाद उनमें प्रचलित धार्मिक क्रियाओं एवं अनुष्ठानों को तरीकत कहा जाने लगा था जिनका सहारा लेकर साधक साधना के पथ पर आगे बढ़ते हैं।परन्तु नौवीं-दसवीं शताब्दी के पहले साधना के व्यवावहारिक ज्ञान को ही तरीकत कहा जाता था।
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