तारक तारक एक छन्द है। यह वर्णिक छन्दों में समवृत्त का एक भेद है। इसमें चार जगण और गुरु होता है। उदाहरण – यह कीरति और नरेसन सोहै, सुनि देव अदेवन को मन मोहै। हमको बपुरा सुनिये ऋषिराई, सब गांउं छ सातक की ठकुराई। – केशव