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तारक

तारक एक छन्द है। यह वर्णिक छन्दों में समवृत्त का एक भेद है। इसमें चार जगण और गुरु होता है।

उदाहरण – यह कीरति और नरेसन सोहै, सुनि देव अदेवन को मन मोहै।
हमको बपुरा सुनिये ऋषिराई, सब गांउं छ सातक की ठकुराई। – केशव

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तार्किक सत्य, तार्किकीकरण, तार्टक, ताल, ताला-कुंजी

Page last modified on Monday May 26, 2025 14:25:48 GMT-0000