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तारक

तारक एक छन्द है। यह वर्णिक छन्दों में समवृत्त का एक भेद है। इसमें चार जगण और गुरु होता है।

उदाहरण – यह कीरति और नरेसन सोहै, सुनि देव अदेवन को मन मोहै।
हमको बपुरा सुनिये ऋषिराई, सब गांउं छ सातक की ठकुराई। – केशव

Page last modified on Wednesday March 8, 2017 05:35:10 GMT-0000