नैतिक आदर्शवाद
नैतिक आदर्शवाद वह परिकल्पना है जिसमें मनुष्य नैतिक स्तर पर आदर्श की स्थापना करना चाहता है। मानव में यह प्रवृत्ति नैसर्गिक है।इसी नैतिक आदर्शवाद के कारण संसार की सभी सभ्यताओं तथा संस्कृतियों का विकास हुआ है। यह कहना भी अतिशयोक्ति नहीं होगी कि यही नैतिक आदर्शवाद सभ्यताओं तथा संस्कृतियों का आधार है।
संसार भर के धार्मिक ग्रंथ ऐसे ही नैतिक आदर्शवाद की स्थापना करना चाहते हैं।