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पुष्टिमार्ग

भारतीय आध्यात्मिक परम्परा का एक मार्ग है पुष्टिमार्ग। वल्लभाचार्य इस मार्ग के संस्थापक संत थे।

सन् 1530 में वल्लभाचार्य के निधन के बाद उनके बड़े पुत्र गोपीनाथ ने पुष्टिमार्ग के अधिकृत आचार्य का पद ग्रहण किया।

आठ वर्ष बाद सन् 1538 में जब उनका भी निधन हो गया तब उस आचार्य पद पर उनके दूसरे पुत्र विट्ठलनाथ आसीन हुए। ऐसा इसिलए हुआ क्योंकि उनके बड़े भाई पुरुषोत्तम का देहावसान पहले ही हो चुका था।

विट्ठलनाथ ने 1566 में अपने मूल निवास स्थान अडैल को छोड़ दिया तथा वह ब्रज आ गये तथा अपने पुष्टिमार्गी सम्प्रदाय का गठन और संचालन किया। उन्होंने आठ संतों और भक्ति कवियों को अष्टछाप कवि के रूप में प्रतिष्ठित किया।

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