वैदिकाचार
वेद विहित कर्मों के अनुसार आचरण करने को वैदिकाचार कहते हैं।
यदि संक्षेप में कहा जाये तो इसके अनुसार यज्ञ-याग आदि कर्म करना, ऋतुकाल के अतिरिक्त पत्नी के साथ सहगमन न करना, पर्व के समय मत्स्य मांस न खाना तथा रात्रि में देव उपासना आवश्यक माना जाता है।