शब्द
शब्द वह ध्वनि है जिसे श्रोत्रों अर्थात् श्रवणेन्द्रियों से ग्रहण किया जाता है, बुद्धि से उसे समझा जाता है, तथा प्रयोग से प्रकाशित होता है।आकाश ही शब्द का देश है।
महाभाष्य में ऐसा ही कहा गया है। परन्तु व्याकरण में शब्द उन ध्वनियों को कहते हैं जिनका कोई न कोई अर्थ होता है। निरर्थक ध्वनियां शब्द नहीं कहलातीं।
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