अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन और उन्हें हिरासत में लिये जाने से उत्पन्न स्थिति के बारे में कांग्रेस और सरकार ने आज कई बैठकें कीं और लोकपाल मुद्दे पर बन रही लोकधारणा का मुकाबला करने के लिए रणनीति तैयार की। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक के बाद राहुल गांधी ने संप्रग सरकार के संकटमोचक माने जाने वाले वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी, गृहमंत्री पी चिदंबरम और शहरी विकास मंत्री कमलनाथ से अकेले में चर्चा की। यह बैठक हजारे को हिरासत में लिये जाने के मुद्दे पर दोनों सदनों की कार्यवाही स्थागित होने के कुछ ही मिनट बाद हुई। राहुल के साथ बैठक के बाद प्रणव मुखर्जी ने कहा कि गृह मंत्री बयान देना चाहते हैं लेकिन विपक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी और हंगामा किया और कार्यवाही स्थगित करने को बाध्य किया।

मालूम हो कि राहुल गांधी उन चार सदस्यों में शामिल हैं जिसका गठन सोनिया गांधी ने अपनी अनुपस्थिति में पार्टी मामलों का कामकाज देखने के लिए किया। बहरहाल, सीसीपीए को हजारे और उनकी टीम के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के बारे में बताया गया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में हुई इस बैठक में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी, गृह मंत्री पी चिदंबरम, मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल, विदेश मंत्री एसएम कृष्णा, रक्षा मंत्री एके एंटनी, कृषि मंत्री शरद पवार, विधि मंत्री सलमान खुर्शीद, अक्षय एवं नवीकरण ऊर्जा मंत्री फारुख अब्दुल्ला ने हिस्सा लिया। बैठक के बाद संसद भवन परिसर में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा कि कोई व्यक्ति चाहे कितना भी प्रतिष्ठित क्यों न हो, उसे कानून का पालन करना ही होता है। गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने हालांकि इस आरोप का खंडन करते हुए कहा कि लोकतंत्र में अगर कोई निषेधाज्ञा का उल्लंघन करे तो वह स्वीकार्य नहीं होगा।

उधर , गांधीवादी कार्यकर्ता की गिरफ्तारी के तुरंत बाद उनके आंदोलन के अहम सदस्य प्रशांत भूषण ने घोषणा की कि बुधवार अपराह्न चार बजे इंडिया गेट से संसद भवन तक विरोध रैली निकालने सहित देश के विभिन्न शहरों में विरोध प्रदर्शन होंगे। भूषण ने सरकारी कर्मचारियों से भी काली पट्टी बांधकर हज़ारे के प्रति एकजुटता दर्शाने को कहा।