श्री घोष पर आरोप लगा है कि उन्होंने पश्चिम मिदनापुर जिले में 2002 के महीने में तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों की हत्या करवाई थी। मारे गए लोगों में से 6 के कंगाल एक कग्र की खुदाई से निकले हैं। हत्या तो बहुत पहले हुई थी, लेकिन स्थानीय लोगों को उसके बारे में शिकायत करने की हिम्मत तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद ही हुई। शिकायत पाने के बाद पुलिस ने कग्र को खोदा तो उससे 7 नरकंकाल निकले। कंकाल के डीएनए टेस्ट से अब यह साबित हो गया है कि उनमें से कम से कम दो तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्त्ता हुआ करते थे। उनमें से एक की पहचान तो कपड़ें से उसके बेटे ने की। यह मामला गरबेटा का है।
श्री घोष गरबेटा से ही 2011 के विधानसभा चुनाव में चुने गए हैं। गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने जमानत की अर्जी दाखिल की, जो अस्वीकार कर दी गई। उसके बाद वे छिप गए। डीएनए टेस्ट के बाद पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ का फैसला किया। फिर उन्हों गिरफ्तार भी कर लिया गया।
गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस उन्हें अदालत में पेश कर रही थी, तो उनके खिलाफ लोगों में बहुत गुस्सा था और उन्हें बचाने के लिए पुलिस को बहुत मशक्कत करनी पड़ी। उनके विरोधी उन्हें गरबेटा के कसाई कह रहे हैं। उन पर अन्य अपराधों और हत्याओं ेमें भी शामिल होने का आरोप लगाया जा रहा है।
सच तो यह है कि सिर्फ गरबेटा में ही नहीं, बल्कि मिदनापुर के अन्य इलाकों में भी नरकंकाल मिले हैं। कुछ साल पहले सीपीएम और तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों के बीच खूनी मुठभेड़ हुआ करती थी। प्रशासन की सहायता से सीपीएम अपने विरोधियों का सफाया करने में कामयाब हो गई थी। तब सुशांत घोष ने उसमें बड़ी भूमिका निभाई थी। तपन घोष और सुकुर अली नाम के दो अपराधियों का सक्रिय साथ लिया गया था। कहते हैं कि इन हत्याओं ने उन दोनों का हाथ था। आज वे दोनो ंपुलिस बचने के लिए छिपे हुए हैं।
किसी को पता नहीं कि सीपीएम के गुंडों के द्वारा कितने सारे लोग मारे गए थे। मामला सिर्फ हत्याओं का ही नहीं है। हाल ही में पुलिस द्वारा की गई छापामारी में भारी मात्रा में अवैध हथियार तथा कारतूस जब्त किए गए हैं।
सीपीएम फिलहाले सुशांत घोष के पक्ष में बयानबाजी कर रही है। उसके नेता उनका साथ देते दिख रहे हैं। इसके कारण सीपीएम की छवि को नुकसान हो रहा है और पार्टी के आधार पर इसका असर पड़ रहा है। कहने की जरूरत नहीं कि पार्टी का जनाधार लगातार सिकुड़ता जा रहा है। (संवाद)
सुशांत घोष के मसले पर सीपीएम अलग थलग
पार्टी का आधार सिकुड़ना जारी
आशीष बिश्वास - 2011-08-23 13:01
कोलकाताः सीपीएम के लिए पूर्व मंत्री सुशांत घोष का साथ देने अथवा उनका छोड़ देने का सवाल आसान नहीं दिखाई पड़ रहा है। पार्टी का एक बड़ा धड़ा यह निर्णय नहीं कर पा रहा है कि उनका साथ दिया जाय या नहीं, फिलहाल पाटी्र ने दिखावे के लिए उनको पूरी तरह से समर्थन देने का फैसला किया है।