एक रणनीति के तहत मायावती प्रधानमंत्री को लगातार चिटिठयां लिख रही हैं जिनमें समाज के अलग अलग तबकों के लिए आरक्षण की व्यवस्था करने की मांग की जा रही है। वे कोटा के अंदर कोटा की भी मांग कर रही है और आरक्षण की 50 फीसदी सीमा को बढ़ाने की भी मांग कर रही हैं।

मुख्यमंत्री ने पिछड़े वर्गों के मुसलमानों और जाटो को ओबीसी के अंदर उनकी आबादी के अनुसार कोटा के अंदर कोटा देने की मांग की है। वह केन्द्र सरकार को कह रही है कि जाटों को केन्द्र सरकार की नौकरियों में भी ओबीसी कोटे के तहत सुविधाएं दी जाय।

एम महत्वपूर्ण प्रस्ताव के तहत मुख्यमंत्री ने ओबीसी की 24 जातियो को अनुसूचित जाति की श्रेणी में लाने की मांग की है। वह दलित र्इसाइयों और मुसलमानों को अनुसूचित जाति की श्रेंणी में लाने की मांग भी कर चुकी हैं।

ओबीसी की जिन जातियों को मायावती अनुसूचित जाति की श्रेणी में लाना चाहती हैं, वे हैं- कहार, कश्यप्, केवट, बिंद, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीमर, भर, बाथम, राजभर, धीवर, तुरहा, माझी, मछुआरा, लोनिया, नोनिया, लोनिया- चौहान, पाल, बघेल, और धनकड़।

राजनैतिक पंंडितों का मानना है कि मायावती इन समुदायों के लोगो को यह संकेत देना चाहती हैं कि वह तो उनकी चिंता करती हैं, लेकिन केन्द्र की मनमोहन सिंह सरकार को ही उनकी परवाह नहीं है। गौरतलब है कि अनुसूचित जाति की सूची केन्द्र सरकार ही तैयार करती है, जिसे संसद से पारित करवाना पड़ता है। इसलिए मायावती की इन सारी मांग तभी पूरी हो सकती है, जब केन्द्र सरकार इसे स्वीकार करे और संसद से पास कराने की पहल करे।

अन्ना के आंदोलन के बाद मायावती अपनी पार्टी और सरकार की छवि को लेकर भी चिंतित हो गर्इ है। उन्होंने अपनी पार्टी के खराब छवि वाले विधायकों को पार्टी से बाहर निकालना शुरू कर दिया है। पिछले दो महीने मे वे इस तरह के 10 विधायकों को वह पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा चुकी हैं।

मेरठ के विधायक हाजी याकूब कुरेशी मायावती के इस अभियान के ताजा शिकार बने हैं। उन्हें सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप मे ंपार्टी से निलंबित किया गया है। उनके एक बयान के बाद उन पर इस तरह का आरोप लग रहा था।

पिछले दो महीने में पार्टी से निलंबित किए जाने वाले वे 14वे नेता व 10वें विधायक हैं। उनके पहले योगेन्द्र सागर, गुडडु पंडित, सतीश वर्मा, अवधपाल सिंह, शेबहादूर सिंह, अशोक कुमार सिंह चंदेल, मलिक मसूद, दशरथ प्रसाद चौहान, और महफूज किदवर्इ को उन्होंने निलबित किया था। इन विधायकों के अलावा वे सांसद धनंजय कुमार सिंह को भी पार्टी से निलंबित कर चुकी है।

मायावती ने सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची बनाने का कहा है। उनके खिलाफ भी सरकार कार्रवार्इ करेगी ओर यह लोगों को दिखाएगी कि भ्रष्ट अधिकारियों को बर्दाश्त नहीं किया जा रहा है।

पशिचम उत्तर प्रदेश में जाटों और मुसिलम मतों का खासा महत्व होता है। उन मतों को अपने पाले मे करने के लिए मायावती आरक्षण कार्ड खेल रही हैं। इसके अलावा वे इस इलाके में तीन नए जिलों के गठन की घोषणा भी करने वाली है। वे जिले हैं- हापुड़, शामली और देवबंद।

मायावती राज्य व्यापी दौरे पर भी निकलने वाली है। अपने दौरे में वे राज्य में कानून व्यवस्था और विकास कार्यो का जायजा लेंगी। दोषी अधिकारियों को वह स्पाट पर ही सजा देने का काम करेगी।

राजनैतिक पंडितों का कहना है कि मायावती राज्य व्यापी दौरा विपक्षी पार्टी के नेताओं की यात्राओं की काट के लिए करेंगी, ताकि लोगों के बीच बसपा की साख बनी रहे।