राहुल गांधी लोगों को यह अहसास कराने में जुटे हैं कि 1990 से जब से कांग्रेस सत्ता से बाहर है, राज्य में किसी प्रकार का कोर्इ विकास नहीं हुआ है।

कांग्रेस ने अबतक अपने 135 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। शेष उम्मीदवारों को तय करने का काम जारी है।

72 उम्मीदवारों की जो दूसरी सूची जारी हुर्इ है, उससे पता चलता है कि कांग्रेस ने सोशल इंजीनिरिंग का फामर्ूला अपना रखा है, जिसके तहत सभाी जातियों और संप्रदायों के उम्मीदवारों को खड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है।

कांग्रेस से अबतक टिकट पाने वालों का 70 फीसदी मुसलमान, पिछड़ा वर्ग और दलित हैं। 72 उम्मीदवारोें की दूसरी सूची में 10 मुसलमान, 20 दलित और 15 ओबीसी हैं। 25 फीसदी उम्मीदवार तो बाहरी हैं, जो अन्य पार्टियों से कांग्रेस में आए हैं। पार्टी के अनेक नेता इसलिए नाराज हैं, क्योंकि दूसरी पार्टियों से आए लोगों को पार्टी के कार्यकत्र्ताओं के ऊपर तरजीह दी गर्इ है।

दूसरी सूची पर अपनी टिप्पणी करते हुए प्रदेश पार्टी अध्यक्ष रीता बहुगुणा ने कहा कि चुनव जीतने की क्षमता को घ्यान में रखकर ही उम्मीदवारों को चुना गया है। कांग्रेस से बाहर से आने वालों में जिन्हें टिकट दिया गया है, वे अपने क्षेत्र के स्थापित नेता हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुश्री बहुगुणा को इस बात का अहसास है कि यदि सभी सूचियां एक के बाद एक जारी की जाती हैं, तो बाहर के लोगों को टिकट मिलने के कारण कांग्रेस के अपने कार्यकत्र्ताओं में भारी आक्रोश देखने को मिल सकता है। इससे कांग्रेस में ग्रुपिज्म और अंतकर्लह तेज होगा।

उम्मीदवारों की सूची तैयार करने के साथ ही कांग्रेस चौधरी अजित सिंह के राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन पर भी काम कर रही है। सुश्री बहुगुणा का कहना है कि अजित सिंह की पार्टी के साथ तालमेल करना समय की मांग है। इस तालमेल को अंतिम रूप देने के लिए कांग्रेस के महासचिव दिगिवजय सिंह राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजित सिंह से जल्द ही मुलाकात कर रहे हैं।

जब अन्ना टीम कह रही हो कि वह उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को हराने के लिए काम करेगी, तो वैसी हालत में पशिचमी उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी को जिताने के लिए कांग्रेस नेताओं को अजित सिंह से समझौता करने की सख्त जरूरत महसूस की जा रही है।

अजित सिंह से समझौता करने के लिए कांग्रेस किस कदर बेकरार है इसका पता इसीसे चलता है कि अबतक उसने पशिचमी उत्तर प्रदेश से उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। इसके बावजूद कांग्रेस पूरे जाटलैंड को अजित सिंह को नहीं देने जा रहा।

इस बीच कांग्रेस ने अपने सभी घोषित उम्मीदवारों की एक बैठक बुलार्इ है, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता चुनाव जीतने की रणनीति से उन्हें अवगत कराएंगे।

इसी तरह लखनऊ में कांग्रेस की मीडिया अभियान समिति की बैठक होगी, जिसमें सांसद राज बब्बर अपनी मीडिया रणनीति का खुलासा करेंगे। इसके अलावा कांग्रेस के चुनाव प्रबंधक सोनिया गांधी और राहुल की सभाओं के कार्यक्रम तैयार करने में व्यस्त हैं। (संवाद)