मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल राज्य की आर्थिक हालत और खासकर वित्तीय सिथति के लिए केन्द्र की सरकार को जिम्मेदार बता रहे हैं। उनका कहना है कि केन्द्र सरकार पंजाब को फंड देने में कंजूसी कर रही है। वह केन्द्र पर भेदभाव का भी आरोप लगा रहे हैं। लुधियाना में पिछले 6 अक्टूबर को मीडिया के लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री बादल ने कहा कि केन्द्र सरकार की नीतियों के कारण पंजब की अर्थव्यवस्था तबाह हो रही है। इसके लिए उन्होंने कांग्रेस को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कांग्रेस पर नीचे से ऊपर तक भ्रष्ट होने का आरोप भी लगाया।

दूसरी तरफ 6 अक्टूबर को ही अमृतसर में सी आर्इ आर्इ की प्रदर्शनी डेसिटनेशन पंजाब का उदधाटन करते हुए उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने दावा किया कि पंजाब का वित्तीय स्वास्थ्य अच्छा है। उन्होंने कहा कि यह भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है कि राज्य सरकार का खजाना खाली है और सरकार पर भारी कर्ज है। उन्होंने कहा कि वित्तीय संस्थानो ंसे कर्ज लेना कोर्इ अजूबी बात नहीं है।

मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की विरोधाभाषी बातों में सच क्या है, इसे कोर्इ भी देख सकता है। आज मीडिया में खबरें बार बार आ रही है कि सरकार की वित्तीय हालत खराब होने के कारण सरकारी कर्मचारियों को समय पर वेतन भी नहीं मिल पा रहा है। शहरी क्षेत्रों के विकास के लिए 11 अरब रुपए की योजनाओं की घोषणा की गर्इ थी। अब इन योजनाओं की राशि घटाकर 3 अरब 17 करोड़ रुपए कर दी गर्इ है। इसके कारण भारतीय जनता पार्टी का शहरी समर्थक वर्ग उससे नाराज हो गया है। बैकों ने सरकार को कर्ज देना अब कम कर दिया है। इसके कारण ही सरकारी योजनाओं को छोटा किया जा रहा है।

आरोप लगाया जा रहा है कि केन्द्र सरकार राज्य सरकार को मदद नहीं कर रही है। इसमें आधा सच्चार्इ है और यह आधा झूठा है। केन्द्र सरकार द्वारा दी जा रही राशि का पूरा इस्तेमाल ही नहीं हो पाता, क्योंकि राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले हिस्से उससे जुड़ ही नहीं पाते। इसके अलावा केन्द्र सरकार से मिले पैसे को किसी अन्य काम में खर्च कर दिया जाता है।

केन्द्र सरकार द्वारा गरीबी रेखा से ऊपर के लोगों के लिए दिए जा रहे गेहूं पर भी राज्य सरकार मुनाफाखोरी कमा रही है। केन्द्र सरकार द्वारा दिए जा रहे गेहूं पर राज्य सरकार 2 रुपए 55 पैसे प्रति किलो का मुनाफा कमा रही है। इसकी कीमत पर राज्य सरकार ने आटा दाल कार्यक्रम शुरू कर दिया था और उसी गेहूं का आटा पिसा कर उसे 12 रुपए किलो बेच रही थी। हालांकि पिछले जुलार्इ महीने में यह स्कीम बंद हो गर्इ है।

मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल कांग्रेस पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगा रहे हैं। जवाब में कांग्रेस के अध्य़क्ष कैप्टन अमरींदर सिंह भी पीछे नहीं हैं।। वे राज्य सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार की बखिया उधेड़ रहे हैं। उन्होंने बादल परिवार के भ्रष्टाचार की एक सूची तैयार कर रखी है। (संवाद)