ताजा मामला फोन कांड का है। यह यूडीएफ के एक घटक केरल कांग्रेस(बी) के नेता आर बालकृष्ण पिल्लै से जुड़ा हुआ है। वे उस पार्टी के अध्यक्ष हैं और वे राज्य में मंत्री भी रह चुके हैं। उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने एक साल की सजा दे रखी है और इस सजा के तहत वे फिलहाल जेल की सजा काट रहे हैं।

जेल की सजा काटते हुए भी पिल्लै जेल में नहीं हैं। बीमारी के नाम पर वे एक अस्पताल में हैं। वह अस्पताल भी सरकारी नहीं है, बलिक वे एक पंचसितारा निजी हस्पताल में हैं, जहां जीवन की सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं, हालांकि जिस बीमारी के इलाज के नाम पर उन्हें जेल से बाहर रहने की इजाजत मिली है, उस बीमारी का इलाज सरकारी अस्पताल में भी संभव है, इसके बावजूद वे सुख सुविधाआें से लैस एक निजी अस्पताल में जेल की सजा काट रहे हैं।

ताजा मामला उनके पास फोन होने का है। जेल के मैनुअल के अनुसार किसी कैदी के पास फोन रखने की सुविधा नहीं होती है। यह मैनुअल उस कैदी पर भी लागू होता है, जो जेल से बाहर किसी अस्पताल में अपनी बीमारी का इलाज करवा रहा हो। यानी पंचसितारा होटल में रहते हुए भी श्री पिल्लै को फोन रखने और उसकी सहायता से किसी से बात करने की इजाजत नहीं है।

लेकिन जेल मैनुअल को धता बताते हुए श्री पिल्लै फोन रखते हुए पाए गए। एक पत्रकार ने इसका भंडाफोड़ किया। उस पत्रकार ने उनसे फोन से बातचीत की। उस पत्रकार ने उस बातचीत को टीवी पर प्रसारित की दिया। रिपोर्ट में बताया गया कि श्री पिल्लै ने एक महीने में 298 बार फोन से बातचीत की थी और उन्होंने मुख्यमंत्री के प्राइवेट सेक्रेटरी से भी बातें की थी। मुख्यमंत्री ने पहले तो इसका खंडन किया, लेकिन जब उनके सामने अकाटय सबूत पेश किए गए, तो उन्हें यह स्वीकार करना पड़ा कि श्री पिल्लै ने उनके पीएस से बात की थी।

गौरतलब है कि श्री पिल्लै के बेटे गणेश कुमार चांडी सरकार में एक मंत्री हैं। उनके पिता द्वारा फोन रखने की खबर आने के बाद खबर प्रसारित करने वाले पत्रकार को धमकी देने का दौर शुरू हो गया। उसे कहा गया कि उसने जो अपराध किया है, इसके लिए उसे सजा दी जा सकती है। उसे इसके लिए एक साल के जेल की सजा मिल सकती है अथवा 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। संभव है उसे जेल और जुर्माने की सजा एक साथ मिले।

पर उस अपराध के लिए पिल्लै का कितनी सजा मिलनी चाहिए, इसके बारे में सरकारी प़क्ष कुछ नहीं बोल रहा है। फिलहाल श्री पिल्लै द्वारा फोन रखने की बात साबित हो चुकी है और इस अपराध के लिए उन्हें 4 दिन और जेल में रहने की सजा भी मिल चुकी है, पर राज्य के पूर्व गृहमंत्री का कहना है कि इस अपराध के लिए श्री पिल्लै को 3 साल की जेल की सजा का प्रावधान है। विपक्ष के उपनेता के बालाकृष्णन, जो केरल के गृहमंत्री भी रह चुके हैं, कहते हैं कि मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि भ्रष्टाचार के मामलों को सामने लाने वाले लोगों को 5 हजार रुपए का इनाम मिलेगा। अब उस पत्रकार को इसके लिए मुख्यमंत्री द्वारा वह इनाम मिलना चाहिए, क्योंकि जेल की सजा काटते हुए फोन का इस्तेमाल करना एक भ्रष्टाचार है। इस फोन कांड के बाद विपक्षी एलडीएफ ने सरकारी यूडीएफ पर हमले तेज कर दिए हैं। (संवाद)