अखिलेश यादव जहां राज्य भर का रथ पर सवार दौरा कर रहे है।ं वहीं सपा ममुख मुलायम सिंह यादव रणनीति बनाने में व्यस्त हैं, ताकि राज्य में उनकी पार्टी अपने बूते सत्ता में आ सके। गौरतलब है कि मुलायम सिंह की समाजवादी पार्टी को पराजित करके ही 2007 में मायावती की बसपा ने राज्य की सत्ता पर कब्जा किया था।

अखिलेश यादव की यह रथयात्रा पिछले 12 सितंबर को शुरू हुर्इ थी और तक से श्री यादव ने इस रथ पर सवार होकर राज्य के अनेक विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर लिया है। इस दौरे के दौरान वे रथ ये उतर कर साइकिल की सवारी भी कर चुके हैं। इस तरह उन्होंने ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ संवाद करने का प्रयास किया है।

यात्रा के दौरान लोगों का उत्साह देखने लायक होता है। भारी संख्या में लोग सड़कों के दोनों ओर खड़े होकर समाजवादी पार्टी के नेता का स्वागत करते हैं। राजनैतिक पर्यवेक्षक उस समय आश्चर्यचकित रह गए, जब बुंदेलखंड में भी उनकी यात्रा को जबर्दस्त समर्थन हासिल हुआ। इस इलाके को मायावती के समर्थन वाला इलाका माना जाता है, क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में उनकी बसपा को यहां से भारी सफलता मिली थी। बुंदेलखं डमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी काफी दिलचस्पी ले रहे हैं। उनकी इस दिलचस्पी के बीच सपा और बसपा के बीच का राजनैतिक द्वंद्व देखने लायक है।

यात्रा के दौरान अखिलेश यादव भ्रष्टाचार को मुख्य मुददा बना रहे हैं। वे खासतौर से मूर्तियों और उधानों के निर्माण पर हो रहे हजारों करोड़ रुपए की बर्बादी और उसमें हो रहे भ्रष्टाचार की चर्चा करते हैं। उनके भाषणों को लोग बहुत ही उत्साह से ले रहे हैं। मायावती पर हमला के साथ साथ अखिलेश स्थानीय मसलों पर भी चर्चा करते हैं।

यात्रा के पांचवें दौर के दौरान उन्होंने अल्पसंख्यकों के मसलों को भी उठाया। उन्हें पता है कि बदायू रोहिलखंड इलाके में आता है और यहां मुसलमान हार जीत में भारी प्रभाव डालते हैं। उन्होंने मायावती सरकार पर मुसलमानों की उपेक्षा का आरोप लगया और कहा कि इस शासन में मुसलमानों के साथ बहुत अन्याय हुआ है।

उन्होंने कहा कि मायावती मुसलमानों के आंसू पोंछने के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखती है और उनके लिए आरक्षण की मांग करती है, लेकिन वह खुद मुसलमानों के साथ नाइंसाफी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मायावती राज्य के मुसिलम अधिकारियों को भरोसे का काम नहीं देतीं। उन्होंने कहा कि यदि मायावती मुसलमानों के आरक्षण के प्रति इतनी हिमायती हैं, तो उन्हें इससे संबंधित प्रस्ताव राज्य विधानसभा से पारित करवाने चाहिए और उन्हें राष्ट्रपति के पास भेजने चाहिए।

उन्होंने मायावती सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यदि उन्हें मुसलमानों की फिक्र है, तो वे राज्य में सच्चर समिति की सिफारिशों को क्यों नहीं लागू करतीं। उन्होनें कहा कि मुसलमान सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े हैं और उनमें भारी बेरोजगारी है। उन्होंने वादा किया कि यदि उनकी पार्टी सरकार में आती है, तो वह सच्चर समिति की सिफारिशों को लागू करेगी।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा से हिदू और मुसलमानों के बीच की खार्इ को पाटने की कोशिश करती रही है। उनकी पार्टी की सरकार के दौरान मुसलमानों और उर्दू को खास महत्व दिए गए थे।

पार्टी टिकट का समय से पहले बंटवारा करने से भी रथयात्रा को नर्इ ताकत मिली है। उम्मीदवारों ने लोगों के बीच काम करना शुरू कर दिया है और यात्रा के दौरान ज्यादा से ज्यादा लोगों को अखिलेश यादव की यात्रा मे दिलचस्पी पैदा करने मे सहायता मिल जाती है।

अखिलेश यादव की यात्रा के द्वारा समाजवादी पार्टी शहरी और ग्रामीण युवको ंके साथ संवाद स्थापित करने में सफल रही है।