साइकिल समाजवादी पार्टी का चुनाव चिन्ह भी है। अखिलेश ने उस साइकिल पर सवार होकर 20 अक्टूबर को नोएडा से अपनी यात्रा की शुरुआत की और और उनकी यह यात्रा 22 अक्टूबर को आगरा में समाप्त हो गई।

यात्रा शुरू होने के समय पार्टी के हजारों कार्यकत्र्ता वहां मौजूद थे। उनके हाथों में पार्टी के झंडे थे और सिर पर लाल टोपी। कार्यकत्र्ताओं में उस साइकिल यात्रा को लेकर गजब का उत्साह देखते बनता था।

मायावती सरकार को उखाड़ फेंकने का नारा लगाते हुए हजारों लोग उस साइकिल जुलूस में शामिल हुए। शामिल होने वालों में पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर भी शामिल थे। उसमें सपा सांसद धर्मेंद्र यादव भी थे और हापुड़ से समाजवादी पार्टी के सपा उम्मीदवार किरण जाटव भी।

यात्रा की शुरुआत में सभा स्थल पर मुलायम सिंह यादव के भाई रामगोपाल यादव भी मौजूद थे। उनके साथ सांसद मोहन सिंह की भी मौजूदगी बनी हुई थी। पार्टी के प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने यात्रा को हरी झंडी दिखाई।

यात्रा शुरू करने के पहले सभा को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी इस साइकिल यात्रा का मकसद मायावती सरकार के खिलाफ लोगांे जनमत तैयार करना है और समाजवादी पार्टी को सरकार में लाने का है।

उन्होंने कहा कि एक ओर बसपा सरकार ने राज्य में महिलाओं और दलितों के खिलाफ अत्याचार के नए रिकार्ड बनाए हैं और भारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है, तो दूसरी ओर राज्य के युवा बदलाव चाहते हैं।

सपा नेता ने कहा कि मुस्लिम युवक रोजगार नहीं पा रहे हैं और किसानों को आत्महत्या करनी पड़ रही है। समाज का सभी तबका मायावती सरकार से नाखुश है और वे बदलाव चाहते हैं। उन्होंने दावा किया कि यह बदलाव समाजवादी पार्टी ही ला सकती है। उन्होंने वादा किया कि यदि उनकी पार्टी सरकार में आती है तो मुलायम सिंह सरकार द्वारा किए गए सारे कामों को फिर से शुरू किया जाएगा।

गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने अपनी समाजवादी क्रांति रथयात्रा के साथ अपनी साइकिल यात्रा को मिला दिया है। रथयात्रा के बीच बीच साइकिल से यात्रा की जाती है। इनके द्वारा राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचने का लक्ष्य है।

समाजवादी क्रांति रथयात्रा की शुरूआत 12 सितंबर को हुई थी और उसके अगले दिन कानपुर में साइकिल यात्रा की गई की। उस साइकिल रैली में भी हजारों लोग शामिल हुए थे। जब अखिलेश ने फीरोजाबाद से 2009 में अपना नामांकन दाखिल किया था, तो उस समय भी वे शिकोहाबाद से साइकिल चलाते हुए ही फीरोजाबाद पहुंचे थे।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने आरोप लगाया कि मायावती सरकार रथ और साइकिल यात्रा की सफलता से डर गई है। इस डर का ही परिणाम है कि अनेक स्थानों पर अखिलेश यादव को नहीं जाने दिया जा रहा है, जबकि वहां जाने के लिए पहले से प्रशासन से अनुमति ले ली गई थी।

नोएडा से आगरा की यात्रा के दौरान अखिलेश की साइकिल यात्रा टप्पल में भी रुकी, जहां किसानों पर पुलिस ने पिछले साल गोली चलाई थी और उसमें किसान मारे गए थे। (संवाद)