कल्याण सिंह ने भाजपा से किसी प्रकार का संबंध रखने से साफ इनकार कर दिया और घोषणा कर दी कि वह चुनाव के दौरान भाजपा को अपना मुख्य निशाना बनाएंगे। कल्याण सिंह ने भाजपा अथवा किसी अन्य पार्टी से चुनाव के पहले या चुनाव के बाद किसी तरह का गठबंधन करने से साफ इनकार कर दिया।
उन्होंने अबतक अपनी पार्टी के 159 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है और शेष उम्मीदवारों को तय करने की प्रक्रिया जारी है। अब तक जिन उम्मीदवारों की घोषणा हुई है, उनकी सूची देखकर यही लगता है कि भारी संख्या में पिछड़े वर्गो के लोगों को प्रत्याशी बनाया गया है। श्री कल्याण सिंह खुद भी पिछड़े वर्गो के लोध राजपूत जाति से आते हैं, जिसका मघ्य उत्तर प्रदेश के कम से कम 40 विधानसभा क्षेत्रों में अच्छा प्रभाव है।
पिछड़े वर्गो को ज्यादा से ज्यादा टिकट देने के अलावा कल्याण सिंह की एक रणनीति यह भी है कि जिन्हें भाजपा से टिकट न मिले, उन्हें भी अपनी पार्टी का टिकट दे दिया जाय। गौरतलब है कि पार्टी के टिकट ने मिलने से नाराज उम्मीदवार खुद जीतने के लिए कम, आधिकारिक उम्मीदवरों को हराने में ज्यादा रुचि रखते हैं। इस तरह असंतुष्टों को टिकट देकर कल्याण सिंह भाजपा को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
कल्याण सिंह ने घोषणा की है कि वे चुनाव अभियान के दौरान मुख्य तौर पर जनता को बताएंगे कि चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में मायावती को मुख्यमंत्री बनाएगी। इस तरह मायावती विरोधी मतदाताओं का मत भाजपा की ओर न जा सके, इसकी कोशिश की जाएगी।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि राज्य के मतदाता इस बात से आश्वस्त नहीं हो पा रहे हैं कि चुनाव के बाद भाजपा मायावती का साथ नहीं देगी।
कल्याण सिंह भारतीय जनता पार्टी और उसके नेताओं के भ्रष्टाचार को चुनाव में मुख्य मुद्दा बनाने पर उतारू हैं। उनका मानना है कि भाजपा ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार में सनी हुई है।
कल्याण सिंह का निशाना भारतीय जनता पार्टी के नेता लालकृष्ण आडवाणी भी बन रहे हैं। वे श्री आडवाणी की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। वोट के बदले नोट मामले में साजिशकत्र्ता के रूप में लालकृष्ण आडवाणी को कल्याण सिंह अपराधी मानते हैं और कह रहे हैं कि यदि सुधीन्द्र कुमार कुलकर्णी गिरफ्तार किए गए तो फिर लालकृष्ण आडवाणी क्यों अभी तक गिरफ्तार नहीं हुए हैं। गौरतलब है कि श्री आडवाणी ने खुद यह स्वीकार किया है कि नोट के बदले वोट मामले के स्टिंग आपरेशन की जानकारी सुधीन्द्र कुलकर्णी की तरह उन्हें भी थी।
कल्याण सिंह आडवाणी की रथयात्रा की भी निंदा कर रहे हैं। उनका कहना है कि आडवाणी को भ्रष्टाचार के खिलाफ रथयात्रा निकालने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि भाजपा की प्रदेश सरकारे भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। वे कलराज मिश्र और राजनाथ सिंह द्वारा उत्तर प्रदेश में निकाली जा रही रथयात्राओं का भी विरोध कर रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी को और भी ज्यादा नुकसान पहुंचाने के लिए कल्याण सिंह उग्र हिंदुत्ववादी की राजनीति अपना रहे हैं और उन्होंने घोषणा की है कि अपनी पार्टी के चुनाव अभियान की औपचारिक शुरुआत वे रामलला के दर्शन के साथ करेंगे।
राजनैतिक पंडितों का मानना है कि कल्याण सिंह की पार्टी को भले ही ज्यादा सीटें नहीं मिलें, पर वे भारतीय जनता पार्टी को भारी नुकसान पहुंचाएंगे। (संवाद)
कल्याण सिंह की जनक्रांति पार्टी अकेली मैदान में होगी
भाजपा को नुकसान पहुंचाना पार्टी का पहला लक्ष्य
प्रदीप कपूर - 2011-11-08 13:00
लखनऊः पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और उनकी जनक्रांति पार्टी भारतीय जनता पार्टी के चुनावी अभियान को कमजोर करने और उसे राजनैतिक नुकसान पहुंचाने मे कारगर साबित हो रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी को इस सच्चाई का ज्ञान है। यही कारण है कि उसने कल्याण सिंह को फिर से भाजपा मंे लाने की कोशिश की। पार्टी में वापस न आने पाने की स्थिति में कल्याण सिंह की पार्टी से गठबंधन की कोशिश भी की गई, लेकिन भाजपा को दोनों मसले पर नाकामी हासिल हुई है।