सपा नेता अमर ंिसह ने इतिहास के पन्नों का एक झलक देते हुए कहा कि कांग्रेस ने ही रामजन्म भूमि व बाबरी मस्जिद विवाद केा जन्म दिया।उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय केंद्र में कांग्रेस की ही सरकार थी।तत्कालीन कांगेस अध्यक्ष व प्रधानमंत्री नर सिम्हा राव की पुस्तक के एक अंश को उद्वरित करते हुए कहा कि श्री राव समेत पूरी कैबिनेट बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए जिम्मेवार है।अगर राव चाहते तो उत्तर प्रदेश की हालात को देखते हुए राष्ट्पति शासन लगा सकते थे और मस्जिद केा ढहने से रोक सकते थे।उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी,मुरली मनोहर जोशी,उमा भारती व विनय कटियार जैसे नेताओं का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा के तमाम नेता जो उस समय वहां मौजूद थे,उन्हें बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए पूरी तरह जिम्मेवार माना सकता है।भाजपा नेताओं ने ऐसा कर पूरे देश में दो समुदायों की बीच नफरत का माहौल पैदा कर दिया।जिसके लक्षण अनेक बार अनेक स्थलों पर देखने केा मिल जाते हैं।

उन्होंने आयोग की रिपोर्ट की विसंगतियों का जिक्र करते हुए कहा कि रिपेार्ट में मंडल आयोग पर टिप्पणी की गयी है जो उचित नहीं है।उन्होंने कहा कि आयोग ने नेताओं को भ्रष्ट बतलाया है लेकिन क्या इस आयोग ने जनता का 8 करेाड़ खर्च कर सही काम किया है।उन्होंने कहा कि इन्ही विसंगतियो के कारण मस्जिद विध्वंश के आरोपियो के आरोप हल्के हो गए हैं।

भाजपा नेता और नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने लिब्रहान आयेाग की विश्वनीयता पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि आयोग ने अपना रोजगार बरकरार रखने के उद्देश्य के कारण इसे 17 सालो ंतक लटकाए रखा और अब जो रिपोर्ट पेश की गयी है वह भी आउटसोर्सिंग के जरिए तैयार की गयी है।उन्होंने कहा कि रिपोर्ट का लेखक न्यायाधीश नही है कोई और है क्योंकि कोई भी न्यायाधीश विचारधारा पर टिप्पणी नहीं करता। यहां तो राजनीति भाषा का प्रयोग किया गया है। कहा गया है कि मंडल विखंडनकारी नीति है।यहां तक भारत सरकार की भर्ती नीति पर प्रश्न चिन्ह लगाया गया है।कहा गया है कि अधिकारी क्षेत्रीयता की बातें करते है और तो और इन सिफारिशों को संघ लोक सेवा आयोग तक भेजने की बात की गयी है।उन्होंने कहा कि लिब्रहान आयोग ने जांच कर्ता की भांति नहीं बल्कि राजनीतिक शोधकर्ता की तरह कार्य किया है।

उन्होंने आयोग पर तीखा आरोप लगाते हुए कहा कि इस आयोग ने श्री राव के प्रति विनम्रता दिखा कर तथा उन्हें आरेाप से बरी कर अपना कर्तव्य का निर्वाहन किया है क्योंकि इसके बदौलत आयोग ने इतने वर्षों तक रोजगार प्राप्त किया।उन्होंने कहा कि जिस न्यायाधीश को सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम ने उच्चतम न्यायालय के जज बनने के योग्य नहीं समझा,उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही पर भी प्रश्न लगा कर अपना बदला चुकाया है।उन्होंने कहा कि यह अभूतपूर्व आयोग है।उन्होंने कहा कि इस तरह से छोटे बड़े जज सभी राजनीति में प्रवेश के रास्ता निकालने के लिए उपाय में लगे रहते हैं।

श्री जेटली ने रिपोर्ट तथा एटीआर के अनेक अंशों का जिक्र करते हुए कहा कि यह गलतियों का पुलिंदा है,इसलिए इसकी सिफारिशो का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में देवराहा बाबा और गुलजारी नंदा जैसे व्यक्तित्व को दोषी ठहराया गया है। जिनका इससे कोई मतलब ही नहीं था।उन्होंन कहा कि कैसे आयेाग ने सिफारिशों में धर्म के आधार पर चुनी गयी सरकार पर प्रतिबंध लगाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि आयोग ने मीडिया तक को नहीं छोड़ा है और पत्रकार को पत्रकारिता करने के लिए लाइसेंस लेने की सिफारिश तक कर डाली है।

कांग्रेस प्रवक्ता व सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने बहस में भाग लेते हुए कहा कि सन 1986 के लोकसभा के चुनाव में भाजपा को मात्र 2 सीट मिली थी। उसने रामजन्म भूमि विवाद खड़ा कर रामकार्ड खेला और बांटों व शासन करो की नीति अपना कर सत्ता में पहुंच गयी। उन्होंने कहा कि रामजन्म भूमि का मुद्दा स्थानीय था जिसे भाजपा ने सोची समझी साजिश के तहत राष्ट्ीय मुद्दा बना दिया।#