विधानसभा चुनाव के बाद निर्मल खत्री ने प्रदेश कांग्रेस कमिटी का अध्यक्ष पद संभाल लिया है। प्रदेश को 8 अंचलों में विभाजित करके उन सभी अंचलों मे भी एक एक अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं। निर्मल खत्री के नेतृत्व में वे सभी आठों अंचल अध्यक्ष पार्टी को लेाकसभा के लिए तैयार करने मे मुस्तैदी से लगे हुए हैं।

कांग्रेस अगले लोकसभा चुनाव को काफी गंभीरता से ले रही है। यही कारण है कि उसने निर्मल खत्री को प्रदेश का अध्यक्ष बनाया है। श्री खत्री को संगठन का आदमी माना जाता है और उन्हें इस उम्मीद के साथ इस पद पर बैठाया गया है िकवे पार्टी के संगठन को जमीनी स्तर तक ले जाएंगे।

प्रदेश में कांग्रेस गुटबाजी की शिकार रही है। श्री खत्री ने कभी किसी गुट के साथ अपने आपको नहीं जोड़ा। उनसे उम्मीद की जा रही है कि वे गुटबाजी से ऊपर रहकर पार्टी का नेतृत्व करते रहेंगे। उम्मीद के अनुरूप ही वह पार्टी में सबको एक साथ लेकर आगे चल रहे हैं।

जिस तरह से उन्होंने मुख्यालय में अपनी टीम और मीडिया प्रकोष्ठ का निर्माण किया, उससे यह संकेत देने में वे सफल रहे कि वे योग्यता और क्षमता को ही महत्व देंगे।

जब से वे प्रदेश कांग्रेस कमिटी का अध्यक्ष बने हैं, तभी से वे कह रहे हैं कि पार्टी को जमीनी स्तर पर जिंदा कर देना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है और वे फिलहाल वही कर रहे हैं।

श्री खत्री कह रहे हैं कि राहुल गांधी ने 2007 के विधानसभा चुनाव में बहुत मेहनत की थी, लेकिन उस चुनाव में पार्टी को ज्यादा सफलता नहीं मिली। पर 2007 की काशिशों ने 2009 के लोकसभा चुनाव में रंग दिखाया। उनका कहना है कि उसी तरह 2012 के विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी द्वारा की गई मेहनत का फल 2014 के लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा और भाजपा को मिला मतों का प्रतिशत 2007 की तुलना में गिरा, जबकि कांग्रेस का मत प्रतिशत 3 फीसदी बढ़ गया।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी विधायक अखिलेश सिंह का कहना है कि 4 नवंबर को दिल्ली में हुई कंाग्रेस की रैली से उत्तर प्रदेश के नेताओं और कार्यकत्र्ताओं का मनोबल काफी बढ़ा है और सोनिया व राहुल के भाषणों का उनपर काफी असर पड़ा है। गौरतलब हो कि अखिलेश प्रताप सिंह अमेठी और रायबरेली से जुड़े हुए नेता हैं।

उनका कहना है कि राहुल गांधी द्वारा उत्तर प्रदेश को 8 अंचलों में विभाजित कर प्रत्येक में एक एक अंचल अध्यक्ष की नियुक्ति करने की रणनीति पार्टी को आगामी लोकसभा चुनाव में काफी फायदा पहुंचाएगी, क्योंकि इस रणनीति के कारण कांग्रेस जमीनी स्तर पर मजबूत हो रही है।

राहुल गांधी के आदेशानुसार सभी अंचल अध्यक्षों ने अपने अपने अंचलों को दौरा शुरू कर दिया है। उन्हें कहा गया है कि 10 दिनों का दौरा कर वे वहां की रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को दें। अखिलेश प्रताप सिंह ने बताया कि पार्टी उम्मीदवारों के टिकट बंटवारे में अंचल अध्यक्षों की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण होगी।

अंचल अध्यक्षों के अलावा पार्टी उच्चकमान ने प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों के लिए केन्द्रीय पर्यवेक्षकों को भी नियुक्त किया है, जो वहां का दौरा करके अपनी रिपोर्ट कांग्रेस नेतृत्व को देंगे।

प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री ने बताया कि लोकसभा सीटों के उम्मीदवारों की घोषणा समय से पहले ही कर दी जाएगी। अखिलेश ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी लगातार रायबरैली का दौरा कर रहे हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि अंचल अध्यक्षों द्वारा अपनी अपनी रिपोर्ट केन्द्रीय नेेतृत्व को सौंपे जाने के बाद उत्तर प्रदेश के रैलियों का आयोजन किया जाएगा।

हालांकि बसपा और सपा बाहर से केन्द्र की यूपीए सरकार का समर्थन कर रही हैं, पर इसकी संभावना नहीं के बराबर है कि राहुल गांधी इन दोनों पार्टियों में से किसी से भी चुनावी समझौता अथवा तालमेल करना चाहेंगे। राहुल गांधी हमेशा कहते आ रहे हैं कि कांग्रेस को 2009 की तरह उत्तर प्रदेश का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ना चाहिए।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह की यह घोषणा काफी मायने रखती है कि उनकी पार्टी रायबरेली मे सोनिया गांधी के खिलाफ अपना कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा करेगी। गौरतलब हो, कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के खिलाफ भी पिछले लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा किया था। (संवाद)