वरिष्ठ कांग्रेसी नेता नारायण दत्त तिवारी को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह ने लखनऊ आमंत्रित किया। उनके आमंत्रण के बाद वे 7 साल के अंतराल के बाद लखनऊ में रहना उन्होंने शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से उन्हें प्रदेश की राजधानी में पहले से ही एक बंगला मिला हुआ था। उस बंगले की मरम्मत और साफ सफाई मंे अखिलेश यादव की सरकार ने खास दिलचस्पी ली। अब श्री तिवारी उसी बंगले में निवास कर रहे हैं।
मुलायम सिंह यादव श्री तिवारी को बहुत तवज्जो दे रहे हैं और यथासंभव उन्हें खुश करने की कोशिश कर रहे हैं। श्री तिवारी के जन्म दिन का उत्सव उन्होंने आयोजित किया और उनकी पत्नी सुशीला तिवारी के नाम स ेचल रहे एक काॅलेज को एक बुकलेट भी समर्पित किया।
उस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए मुलायम सिंह यादव ने नारायण दत्त तिवारी की प्रशासनिक क्षमता की जमकर तारीफ की और उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के विकास में उनकी भूमिका का खास तौर से उल्लेख किया।
जिस दिन नारायण दत्त तिवारी लंबे समय के बाद लखनऊ आए, उसी दिन मुलायम और अखिलेश ने उनके पास जाकर उनसे मुलाकात की और बाद में तीनों ने संयुक्त रूप से एक प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित किया।
उस प्रेस कान्फ्रेंस में श्री तिवारी ने अखिलेश सरकार द्वारा किए जा रहे कामों की जमकर तारीफ की और कहा कि अब समय आ गया है कि अखिलेश लखनऊ का अपना जिम्मा संभालते रहें और मुलायम सिंह यादव केन्द्र की राजनीति का नेतृत्व संभालें।
उस प्रेस सम्मेलन के बाद मुलायम सिंह यादव को देश के भावी प्रधानमंत्री के रूप में बहुत लोगों द्वारा देखा जाने लगा। वे कहने लगे कि यदि अगली लोकसभा में किसी मोर्चे का बहुमत नहीं मिलता है, तो मुलायम सिंह यादव नारायण दत्त तिवारी के समर्थन से देश के प्रधानमंत्री भी बन सकते हैं।
लखनऊ में अपने निवास के दौरान श्री तिवारी मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं। वे उनसे जितना मिल रहे हैं, उतना किसी कांग्रेसी नेता से भी नहीं मिलते हैं।
समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकत्र्ता भी श्री तिवारी से मिलने में खास दिलचस्पी ले रहे हैं। उनका मेला श्री तिवारी के बंगले पर लगा रहता है। पार्टी में अपनी स्थिति मजबूत करने और सरकार से सुविधाएं पाने के लिए वे श्री तिवारी की अखिलेश व मुलायम की नजदीकी का लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं।
श्री तिवारी समाज के अन्य तबकों से भी मिल रहे हैं। लोग उनके पास प्रशासन से अपनी शिकायतें लेकर भी मिलते हैं और चाहते हैं कि श्री तिवारी उनकी समस्या के समाधान में उनकी सहायता करें।
श्री तिवारी के लिए इससे ज्यादा गौरव की बात और क्या हो सकती कि मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश ने उनसे मुलाकात की और आग्रह किया कि वे उत्तर प्रदेश विधानसभा की 125वीं जंयती समारोह में मुख्य अतिथि की भूमिका निभाएं।
राजनैतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि कांग्रेस द्वारा श्री तिवारी की की जा रही उपेक्षा का लाभ मुलायम सिंह उठाना चाह रहे हैं। वे 2014 के लोकसभा चुनाव में नारायण दत्त तिवारी का साथ चाहते हैं, ताकि समाजवादी पार्टी को इन दोनों राज्यों में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल हो।
श्री तिवारी के मुलायम समर्थक होने के कारण अगड़ी जातियों का समर्थन समाजवादी पार्टी के लिए बढ़ सकता है। समाजवादी पार्टी द्वारा प्रोन्नति में आरक्षण का विरोध किए जाने के कारण पहले से ही अगड़ी जातियों के लोग उनके प्रति समर्थन जता रहे हैं। यदि श्री तिवारी ने भी उनका साथ दे दिया, तो समाजवादी पार्टी का उनका समर्थन और भी बढ़ जाएगा। इसके कारण सपा उम्मीदवारों की जीत और भी आसान हो जाएगी। (संवाद)
नारायण दत्त तिवारी एक नई भूमिका में
अब वे समाजवादी पार्टी की बढ़ाएंगे ताकत
प्रदीप कपूर - 2013-01-08 16:21
लखनऊः उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने अब अपने लिए एक नई भूमिका चुन ली है। कांग्रेस द्वारा उपेक्षित किए जाने के बाद अब वे मुलायम सिंह के साथ जुड़ गए हैं और वे आगामी लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में जिताने के लिए काम करेंगे।