चिंतन शिविर के उदघाटन के मौके पर अंबिका सोनी ,गिरिजा व्यास,मोतीलाल वोरा दिग्विजय सिंह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी,महासचिव राहुल गांधी,प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह,रक्षा मंत्री ए के अंटोनी व उद्योग व वाणिज्य मंत्री आंनद शर्मा ेमंचासीन थे।कांग्रेस के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा ने चिंतन शिविर के इतिहास पर रोशनी बिखरेते हुए कहा कि प्रथम चिंतन शिविर पंचमढी़ और दूसरा शिविर शिमला हुआ था। जिसके सार्थक परिणाम निकले थे। उन्होंने उम्मीद जताई कि जयपुर कें चिंतन शिविर से भी आशाजनक परिणाम निकलेंगे। शुरू में अंबिका सोनी और बाद में सोनिया गांधी ने अपने भाषण में इस चिंतन शिविर को कई माएने में पिछले शिविरों से अलग बताते हुए कहा कि इसमें बड़ी संख्या में युवा प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।और इस बार की तरह कभी भी चिंतन शिविर के बाद कांग्रेस का अधिवेशन नहीं हुआ है। यह शिविर वैसे समय में हो रहा है जब पिछले नौ साल से कांग्रेस सत्ता में है। इस दौरान आर्थिक विकास,सामाजिक बदलाव और तकनीकी नयी खोज समाने आई है। नई अपेक्षाओं की लहर दिखाई दे रही है।जिसके लिए नई जवाबदेही तय करने की जरूरत है।
इस चिंतन शिविर में पांच विषयों पर मनन की जाएंगी।रक्षा मंत्री ए के अंटोनी की अध्यक्षता में राजनैतिक चुनौतियां,दिग्विजय की अध्यक्षता में सामाजिक और आर्थिक साराकोर,,गिरिजा व्यास की अध्यक्षता में महिला सशक्तिकरण,आनंद शर्मा की अध्यक्षता में तेजी से बदलती दुनिया और भारत तथा गुलाम नबी आजाद की अध्यक्षता में कांग्रेस ताकत और संगठन पर विषय पर चिंतन की जाएगी।
सोनिया ने प्रतिनिधिओं खास कर युवाओं में उत्साह का संचार करते हुए उदघाटन भाषण में कहा कि कांग्रेस अकेला राष्ट् व्यापी पार्टी है जो सभी गांवों,बस्तियों और मोहल्लों में जीवंत रूप में साफ दिखाई देती हैं।समाज के सभी वर्ग हमसे जुड़े हैं। हम सभी वर्गाें के हितों और ंिचंताओं के लिए आवाज बुलंद करते है।
सोनिया ने युवा प्रतिनिधिओं को एक बार फिर नसीहत देते हुए कहा कि वे अपनी जीवन शैली को बदले और शादी विवाहों में फिजूलखर्ची,दिखावा और आडंबर से दूर रहें।
उन्होंने कहा कि हमें सभी स्तरों पर नेतृत्व का विकास करना है। ऐसा नेतृत्व जो प्रभावी हो,आगे बढ़ने से न डरे और लोगों की आकांक्षाओं और सरोकारों से जुडे़ मुद्दों को जोर शोर से उठाएं।उन्होंने पाटी्र में बढ़ते वंशवाद और परिवारवाद पर प्रहार करते हुए कहा कि पार्टी में अच्छा काम करने वालों को अपने काम के बल पर उपर बढ़ने के अवसर मिलने चाहिए,किसी की छत्र छाया पर नहीं
सोनिया ने कहा कि भारत बदल रहा है। भारत में युवाओं की महत्वाकांक्षाएं ज्यादा है,जिनमें ज्यादा बेसब्री है,जो ज्यादा मांगे करते हैं और यह एक ज्यादा पढी लिखी पीढी है।वे चाहते हैं कि हमारी आवाजें सुनी जाए।हमारे नागरिक सार्वजनिक जीवन में फैले भ्रष्टाचार से आजिज हो गए हैं।वे रोजमर्रा की जिंदगी में व्याप्त भ्रष्टाचार से तंग आ गए हैं।यह एक हकीकत है जिसे हमें समझना चाहिए। और इसका हल निकाल कर देना चाहिए।उन्होंने कहा कि हम यहां गंभीर चिंतन के लिए आएं है,जब हम यहां से जाएं तो हमारे सामने एक स्पष्ट और पूरा लक्ष्य होना चाहिए।