मालूम हो कि माथेरान की खोज सन 1850 में ठाणे जिले के तत्कालीन कलेक्टर हयूज मालेट द्वारा की गयी थी।मुबई पुणे मार्ग पर स्थित नेरल रेलवे स्टेशन से नैरो गेज ट्ेन द्वारा माथेरान तक की सुहावना व रोमांचक सफर किया जा सकता है।
संेट्ल रेलवे के जीएम सुबोध जैन ने बताया कि इस 21 किलो मीटर नैरो गेज खंड पर तीन स्टेशन जुमा पट्टी,वाटर पाइप तथा अमन लॉज तथा अंतिम माथेरान है। नैरो गेज ट्ेन के डिब्बे आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित,बड़ी खिड़कियां तथा सी-थू्र ग्लास छत के साथ बनायी गयी है। इन डिब्बों के कारण या़त्री माथेरान की प्राकृतिक सौंदर्य का नजदीक से आंनद लेते हुए सफर का मजा ले पाता है।
माथेरान जाने के लिए अक्टूबर से मई तक का समय सबसे उत्तम है। माथेरान मे शीतकाल के दौरान तापमान 16 अंश तथा ग्रीष्म काल में 32 अंश तक का होता है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से मानसून के दौरान सिर्फ अमन लॉज से माथेरान के बीच लाइन चालू की जाती है।इसके लिए एक नया ब्लॉक खंड शुरू किया गया है। नेरल माथेरान के बीच अब 5 जोड़ी गाड़ियां चलायी जा रही है।जबकि अमन लॉज और माथेरान के बीच साप्ताहांत और छुट्टियों के दिनों में 7 जोड़ी गाड़ियां चलायी जा रही हैं।
सेंट्ल रेलवे के महाप्रबंधक सुबोध जैन ने बताया कि माथेरान में कई ऐसे दर्शनीय स्थल है जहां से पश्चिम घाट,हरे भरे मैदानों तथा गांवों का सुंदर नजारा दिखाई देता है। इनमें सूर्योदय का दृश्य देखने के लिए पैनोरमा पॉइंट,सूर्यास्त का दृश्य देखने के लिए पोर्क्युपाईन पॉइंट,मंकी पॉइंट,लूइसा पॉइंट,इको पॉइंट,रामबाग पॉइंट व वन ट्ी हिल है।
पर्वत पर जंगल की सैर कराती है माथेरान रेलवे
एस एन वर्मा - 2013-01-23 13:25
नई दिल्ली। मुबंई से लगभग 90 किलो मीटर दूरी पर स्थित हिल स्टेशन माथेनार जाने वाले पर्यटकों के लिए खुशखबरी है। पर्यटर्कों के लिए सेंट्ल रेलवे ने मानसून के दौरान भी अमन लॉज व माथेरान की बीच सेवाएं शुरू कर दी है। अब ये सेवाएं पूरे वर्ष में लगातार जारी रहेंगी।माथेरान अर्थात शिखर पर जंगल 8 सौ मीटर की उंचाई पर फैले हुए छाया दार पेड़ों से आच्छादित है। नेरल से माथेरान की इस साहसिक व रोमाचंक यात्रा में नैरो गेज ट्रेन द्वारा दो घटों की चढ़ाई है।