बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास और खासकर सड़कों के निर्माण पर नजर है। मुसलमानों, महिलाओं, किसानों और ग्रामीण वह शहरी मजदूरों के हितों को भी तवज्जो दी गई है।
आगामी लोकसभा चुनाव में मुसलमानों के समर्थन को बनाए रखने के लिए अखिलेश सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए जारी कोष में 29 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है।
प्रदेश सरकार ने अपने इस बजट मं अल्पसंख्यकांे के कल्याण कार्यक्रमों के लिए 21 अरब 53 करोड़ की राशि आबंटित कर दी है।
अल्पसंख्यकों के बीच सबसे ज्यादा सफल योजना है, ’’ हमारी बेटी, उसका कल’’। इस योजना के लिए 350 करोड़ रुपये की राशि आबंटित की गई है। इस योजना के तहत अल्पसंख्यक लड़कियों को उच्च शिक्षा और शादी के लिए सरकार की ओर से धन दिया जाता है।
उसी तरह अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए स्काॅलरशिप की राशि भी बढ़ा दी गई है। यह राशि 500 करोड़ थी, जो अब बढ़कर 777 करोड़ हो गई है।
मदरसा और मखतबों की शिक्षा के आधुनिकीकरण के लिए भी राशि बढ़ाई गई है। पिछले साल इसके लिए 2 अरब रूपये का बंदोबस्त किया गया था। इस बार 3 अरब रुपये इस काम के लिए आबंटित किये गये हैं।
गाजियाबाद स्थित हज हाउस के लिए भी सरकार ने 27 करोड़ रुपयों को आबंटन किया है, जबकि हज कमिटी के लिए अलग से 3 करोड़ 72 रुपये का प्रावधान कर दिया गया है।
अखिलेश यादव सरकार ने अरबिया स्तर के शिक्षण संस्थानों के लिए 315 करोड़ रुपये का और अलिया स्तर के संस्थानों के लिए 70 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है।
अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों की आइएएस परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग करवाने के बास्ते 1 करोड़ 85 लाख रुपये का अलग से इंतजाम किया गया है।
अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों को मुफ्त साइकिल देने के लिए 10 करोड़ रुपये का इंतजाम किया गया है। वोकेशनल शिक्षा प्रदान करने के लिए मदरसों को अलग से 6 करोड़ 50 लाख रुपये दिए गए हैं।
गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में मुसलमानों के ज्यादा वोट समाजवादी पार्टी को ही मिले थे। समाजवादी पार्टी उस समर्थन को खोना नहीं चाहती है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव आगामी लोकसभा चुनाव को बहुत ही गंभीरता से ले रहे हैं। उस चुनाव में वे अपनी पार्टी के लोकसभा सांसदों की संख्या ज्यादा से ज्यादा बढ़ाना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि यदि उनकी पार्टी को 50 से ज्यादा लोकसभा सीटों पर जीत हासिल हो गई, तो वे देश के अगले प्रधानमंत्री भी हो सकते हैं।
उत्तर प्रदेश के बजट पर भारतीय जनता पार्टी ने उग्र प्रतिक्रिया जाहिर की है। वह मुसलमानों के तुष्टिकरण का विरोध कर रही है। उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष एलके बाजपेयी ने कहा है कि इस बजट मंे मुसलमानों को तुष्ट करने का जो प्रयास किया गया है, इससे वे इस बजट को लेकर काफी निराश हैं। उन्होंने बजट में सांप्रदायिक भेदभाव को बढ़ावा देने का आरोप अखिलेश सिंह सरकार पर लगाया है। (संवाद)
उत्तर प्रदेश में मुस्लिमों को लुभाने वाला बजट
आगामी लोकसभा चुनाव पर अखिलेश की नजर
प्रदीप कपूर - 2013-02-21 11:50
लखनऊः समाजवादी पार्टी सरकार द्वारा पेश किए गए आम बजट को चुनावी बजट बताया जा रहा है, जिसकी नजर होने वाले लोकसभा चुनाव पर है।