यह जानते हुए भी जनाकृष्ण मूर्ति,बंगारू लक्षमण और वेकैया नायडू जैसे राष्ट्रीय अध्यक्षों के रहते हुए बीजेपी किसी भी दृष्टिकोण से कोई उंची छलांग नहीं सकी,बीजेपी के इस संकट के दौर में आरएसएस ने संगठन का बागडोर एक बार भी गैर उत्तरभारतीय नेताओं के हाथ में सौंप दिया है। कहीं महाराष्ट् में विद्रोह का बिगुल न बज जाए या संगठन में असंतोष न उपजे इसके लिए बीजेपी संसदीय दल ने आज एक फेरबदल की है। गोपीनाथ मुंडे का कद बढ़ाया गया है।
बीजेपी द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्य मंत्री गोपीनाथ मुंडे को सुषमा स्वराज के स्थान पर लोकसभा में भाजपा का उपनेता बनाया गया है। स्वराज को पहले ही विपक्ष का नेता बनाने की घोषणा की जा चुकी है।
पार्टी के उपनेता जैसे महत्वपूर्ण पद पर 60 वर्षीय मुंडे की नियुक्ति महाराष्ट्र के नेता नितिन गडकरी को बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये जाने के दो दिन बाद हुई है।
गडकरी राज्य की राजनीति में मुंडे से कनिष्ठ हैं। अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रमुख नेता मुंडे अपने गृह क्षेत्र महाराष्ट्र में मराठवाड़ा क्षेत्र के बीड़ सीट से चुने गए हैं और वह दिवंगत प्रमोद महाजन के रिश्तेदार हैं। महाराष्ट्र में 1995 से 1999 तक भाजपा-शिवसेना गठबंधन सरकार में मुंडे उप मुख्यमंत्री रहे थे। इस पद के लिए मुंडे के अलावा अनंत कुमार का नाम भी चर्चा में था।
बीजेपी संसदीय पार्टी ने अपने चेयरमैन लालकृष्ण अडवाणी को विपक्ष का नेता, उपनेताओं और दोनों सदनों में मुख्य सचेतकों को मनोनीत करने के लिए अधिकृत किया था। रमेश वैश लोकसभा में मुख्य सचेतक बने रहेंगे जबकि राज्यसभा में एसएस अहलुवालिया उपनेता एवं माया सिंह मुख्य सचेतक बनी रहेंगी। सुषमा स्वराज को विपक्ष का नेता मनोनीत किया गया है जबकि वरिष्ठ नेता अरूण जेटली राज्य सभा में विपक्ष के नेता बने रहेंगे।#
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