इस फिल्मी तमाशे की शुरुआत सरकार के मुख्य सचेतक पीसी जाॅर्ज द्वारा मीडिया को की गई एक ब्रीफींग से शुरू हुई। उन्होंने मीडिया को बताया कि एक व्यक्ति ने फिल्म मंत्री गणेश कुमार की उनके घर पर ही पिटाई कर दी, क्योंकि उस व्यक्ति की बीवी के साथ मंत्री जी का विवाहेत्तर प्रेम प्रसंग चल रहा था। मुख्य सचेतक ने मंत्री की पिटाई की वह सूचना मीडिया में इसलिए जारी कर दी, क्योंकि उनका मंत्री के साथ छत्तीस का आंकड़ा है। उन्होंने इस रहस्योद्घाटन से अपना हिसाब चुकता करना चाहा।

फिर मंत्री जी तैश में आ गए और उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। मुलाकात में उन्होंने अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्री पद से इस्तीफा देने के साथ साथ वे विधायक के पद से भी इस्तीफा देंगे और खाली स्थान से खुद दुबारा चुनाव भी लड़ेंगे। उपचुनाव की बात सुनकर मुख्यमंत्री भयभीत हो गए और उन्होंने मंत्री को इस्तीफा न देने की सलाह दी और कहा कि यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट की बैठक में इस मसले का उठाया जाएगा और मुख्य सचेतक पीसी जाॅर्ज की खबर ली जाएगी।

यूडीएफ की बैठक में पीसी जाॅर्ज की खबर भी ली गई और उनसे कहा गया कि आगे वे गणेश कुमार के बारे में इस तरह की बातें नहीं करें। उन्हें समझाने के बाद बैठक खत्म हो गई, लेकिन जाॅर्ज समझने को तैयार नहीं हैं और वे गणेश कुमार से जुड़ी बातें, जो उनका नागवार लगती है, पर लगातार कुछ न कुछ बोलते जा रहे हैं। गणेश कुमार उसके कारण बहुत परेशान हैं। मुख्यमंत्री उन्हें दिलासा देते हुए कह रहे हैं कि जाॅर्ज की एक बार और खबर यूडीएफ की बैठक में ली जाएगी। यूडीएफ की बैठक अब अगले महीने होगी।

गणेश कुमार की समस्या जाॅर्ज के कारण ही नहीं है, बल्कि उनकी पत्नी भी उनकी जड़ खोदने के लिए आमादा हैं। वह उनके खिलाफ पुलिस में मुकदमा भी चलाना चाहती हैं। घरेलू हिंसा कानून के तहत उनको सजा भी दिलाना चाहती हैं। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री से मुलाकात की और अपने पति के खिलाफ एक शिकायत पत्र भी उन्हें देना चाहा। पर मुख्यमंत्री ने उनसे शिकायती पत्र लेने से इनकार कर दिया। इसका कारण यह है कि यदि वह उनसे शिकायत पत्र लेते, तो फिर आगे की कार्रवाई के लिए उस पत्र को पुलिस के पास भेजना पड़ता और फिर मंत्री गणेश कुमार के खिलाफ पुलिस को जांच करनी पड़ती। इसलिए अब मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि उन्हें मंत्री की पत्नी की ओर से किसी प्रकार का शिकायत पत्र मिला ही नहीं है।

पत्नी पक्ष से ही नहीं, बल्कि अपने पिता के पक्ष से भी गणेश कुमार को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उनके पिता बालकृष्ण पिल्लै ही उस केरल कांग्रेस (बालाकृष्णन) के अध्यक्ष हैं, जिसके विधायक श्री कुमार हैं। पिता का कहना है कि उनके मंत्री बेटे के कारण पार्टी को नुकसान हो रहा है। श्री पिल्लै ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर कहा है कि गणेश कुमार को मंत्री के पद से हटा दिया जाय। जाहिर है, मुख्यमंत्री के सामने पत्नी की तरफ से ही नहीं, बल्कि पिता की तरफ से भी गणेश कुमार के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग हो रही थी।

इस बीच श्रममंत्री शिबू बेबी जाॅन ने बालकृष्णन और गणेश कुमार में समझौता करवा दिया है और बाप ने अपने बेटे को अब माफ कर दिया है। अपने पिता की सहायता से मंत्री गणेश कुमार अपनी पत्नी को भी साधने की कोशिश में लगे हुए हैं। लेकिन मंत्री जी की पत्नी ने चुप्पी साध रखी है। वह फिलहाल ऐसा कोई संकेत नहीं दे रही है, जिससे लगे कि वह अपने पति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के अपने निर्णय से पीछे हटने वाली है।

इस बीच राज्य सरकार की राज्य भर में थू थू हो रही है। विपक्षी वाम मोर्चा को एक मौका मिल गया है और वह राज्य सरकार की छवि प्रदेश के लोगों के बीच बद से बदतर बनाने में लगी हुई है। मुख्यमंत्री के लिए एक एक विधायक का समर्थन बनाए रखना जरूरी है, इसलिए वे गणेश कुमार को न तो सरकार से हटा सकते और न ही उनके विधानसभा क्षेत्र में एक और उपचुनाव का खतरा मोल ले सकते। इसलिए सरकार की हो रही फजीहत का वे मूकदर्शक बन गए हैं।

विवाहेत्तर अवैध संबंध और पत्नी के खिलाफ हिंसा के कारण गणेश कुमार की प्रदेश के अनेक महिला संगठनों द्वारा निंदा की जा रही है। उनके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं और मुख्यमंत्री भी इस आलोचना के निशाने पर हैं। कुल मिलाकर एक ऐसा तमाशा चल रहा है, जो केरल की राजनीति का एक घिनौना चेहरा दिखाता है। (संवाद)