चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करने के लिए प्रदेश की सभी प्रमुख पार्टियां अभी से अपने आपको तैयार करने में जुट गई हैं।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के नेताआंे और कार्यकत्र्ताओं को कहा है कि वे इसी साल लोकसभा चुनाव के लिए तैयार रहें। उन्होंने समय से पहले चुनाव होने की संभावना जताई।

समाजवादी पार्टी ने प्रदेश की अधिकांश सीटों के लिए अपने उम्मीदवार पहले ही तय कर दिए हैं और उन्हें अपने अपने क्षेत्र में चुनाव की तैयारियों में लग जाने के लिए कह रखा है। मुलायम और अखिलेश अपनी पार्टी के नेताआंे और कार्यकत्र्ताओं को कह रहे हैं कि उनकी कोशिश होनी चाहिए कि पार्टी को प्रदेश की 80 सीटों में से 50 और 60 के बीच सीटें प्राप्त हों।

दोनों बाप बेटे तीसरे मोर्चे की बातें भी कर रहे हैं और भाजपा और कांग्रेस को दूर रखने की बातें कर रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि यदि त्रिशंकु लोकसभा बनी और समाजवादी पार्टी को 50 से 60 सीटंे मिलीं, तो मुलायम सिंह यादव के्रन्द्र सरकार का नेतृत्व भी कर सकते हैं।

मुख्य विपक्षी बहुजन समाज पार्टी की भी महत्वकांक्षा अपनी नेता मायावती को देश का अगला प्रधानमंत्री बनाने की है। उसने भी प्रदेश के सभी लोकसभा क्षेत्रों के अपने उम्मीदवार लगभग तय कर लिए हैं और उसकी घोषणा अब जल्द कर दी जाएगी। अनेक उम्मीदवारांे को उनकी उम्मीदवारी के बारे में बता भी दिया गया है और उन्हें अपने क्षेत्रों में अभी से काम करने को कह दिया गया है।

मायावती देश भर के अपने कार्यकत्र्ताओं को कह रही हैं कि अधिक संख्या में बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित कराएं, ताकि वे लाल किला से झंडा फहरा सकें।

मायावती ने सरकारी सेवाओं में प्रोन्नति में आरक्षण को मुद्दा बना रखा है। इस मुद्दे को पकड़क रवह देश भर के दलितों की एकमात्र नेता बनना चाह रही हैं।

डीएमके द्वारा यूपीए सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद मायावती ने हालांकि यह घोषणा कर डाली है कि केन्द्र सरकार को दिया जा रहा उनका समर्थन बिना शते के है, लेकिन अपने समर्थन के एवज में वह यूपीए सरकार पर दबाव डाल रही है कि प्रमोशन में कोटा के कानून को वह संसद के इसी सत्र में पास कराए।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश से ही हैं और वे प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। प्रदेश से भाजपा के ज्यादा से जयादा उम्मीदवार लोकसभा में भेजने के लिए उन्होंने जबर्दस्त कोशिश शुरू कर दी है। प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने भी समय से पहले लोकसभा चुनाव होने की संभावना बताई है।

राजनाथ सिंह और लक्ष्मीकांत वाजपेयी की नजर अगडी जातियों के मतदाताओ पर है। वे दलितों के प्रोन्नति में आरक्षण का खुलकर समर्थन नहीं कर रहे हैं, क्योंकि वे अगड़ी जातियों को नाराज नहीं करना चाहते हैं। गौरतलब है कि अगड़ी जातियां भाजपा के मुख्य वोट बैंक हैं।

भाजपा ने अभी तक प्रधानमंत्री के अपने उम्मीदवार क नाम की घोषणा नहीं की है, लेकिन पार्टी के पर्यवेक्षक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता लोगों के मूड भांपने में लगे हुए हैं।

पार्टी के अधिकांश नेता और कार्यकत्र्ता यह मानते हैं कि यदि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बना दिया जाय, तो पार्टी प्रदेश में फिर जिंदा हो जाएगी। वे श्री मोदी को लखनऊ से पार्टी का उम्मीदवार भी बनाना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि ऐसा करने से पार्टी लखनऊ के आसपास के इलाकों में बेहतर करेगी।

पिछडे़ वर्गों के मतों की गोलबंदी करने के लिए पार्टी कल्याण सिंह को प्रदेश भर का दौरा कराने की सोच रही है। उनकी अपनी जाति के लोगों मंे लोकप्रियता है और पार्टी उनकी उस लोकप्रियता को भुनाना चाहती है।

पार्टी विश्व हिंदू परिषद और आरएसएस के साथ मिलकर धार्मिक आस्था का राजनैतिक लाभ उठाने की कोशिश भी कर रही है। पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने इलाहाबाद के कुंभ मेले में आयोजित धर्म संसद में इसके लिए हिस्सा भी लिया था।

पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। लोकसभा में हुई बेहतर जीत को पार्टी विधानसभा में दुहरा नहीं पाई थी, जबकि उसने अपनी पूरी ताकत और प्रतिष्ठा उसमें लगा डाली थी। उस हार के बाद प्रदेश में पार्टी कार्यकत्र्ताओं के हौसले पस्त है। पार्टी के अंदर पूरी तरह निराशा का माहौल है। इस माहौल में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी पार्टी के कार्यकत्र्ताओं को कहा है कि वे कड़ी मेहनत करें। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि पार्टी प्रदेश में 40 से भी ज्यादा लोकसभा सीटें हासिल कर लेंगी।

राहुल गांधी ने प्रदेश को 8 जोन में बांट दिया है और प्रत्येक जोन का अपना अपना अलग अध्यक्ष हैं। पार्टी के सांसदों ने उन्हें सूचित किया है कि इस व्यवस्था से पार्टी कमजोर हो गई है।

समाजवादी पार्टी केन्द्र की कांग्रेस सरकार का समर्थन कर रही है, लेकिन कांग्रेस उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। इधर केन्द्रीय नेता बेनी प्रसाद वर्मा ने मुलायम सिंह पर निजी हमले तेज कर दिए हैं। अनेक कांग्रेसी नेता बेनी प्रसाद वर्मा के उन हमलों की आलोचना कर रहे हैं। (संवाद)