अशोक रोड स्थित बीजेपी मुख्यालय के प्रांगण में आयोजित भव्य प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि पार्टी ने उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी है, उसे वह पूरी तरह निभाएंगे। वह पार्टी के मूल विचारधारा और आदर्शवाद के प्रति निष्ठावान बने रहेंगे। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी को प्रेरणादायी नेता बताते हुए कहा कि वह पार्टी में टीम वर्क और अनुशासन का माहौल बनाए रखने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
पहली प्रेस ब्रीफिंग में आत्मविश्वास से लबालब दिखे श्री गडकरी ने कहा कि पार्टी की विचारधारा का आधार राष्ट्रवाद है जिसकी जड़ें पुरातन संस्कृति में निहित हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी वास्तविक सर्वधर्मसमभाव के प्रति प्रतिबद्ध है। वह वोट बैंक की पंथ निरपेक्षता में विश्वास नहीं करती है।
श्री गडकरी ने कांग्रेस की नीति पर खेद प्रकट करते हुए कहा कि कांग्रेस ने उस पथ का अनुसरण किया है, जहां कुछ लोगों का ही विकास हो पाता है, शेष वंचित रह जाते हैं। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों की दुदर्शा दूर करने में पूरी तरह विफल रही है।
नवनियुक्त अध्यक्ष नितिन गडकरी ने आज कहा कि वह वोट बैंक की राजनीति के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि वह सभी को न्याय और किसी का तुष्टीकरण नहीं करने की दिशा में काम करेंगे। उन्होंने कहा कि उनके पार्टी की कमान संभालने से राम मंदिर सहित बीजेपी के किसी मुद्दे या विचारधारा में किसी तरह का परिवर्तन नहीं आयेगा।
पिछले कुछ समय से चुनावी हार और अंदरूनी घमसान का सामना कर रही बीजेपी की कमान संभालने वाले नितिन गडकरी ने आज दो टूक शब्दों में कहा कि वह अनुशासनहीनता हरगिज बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने बीजेपी को कांग्रेस का नैसर्गिक विकल्प बताते हुए जहां पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति, जन जाति और असंगठित मजदूरों में पार्टी के प्रति विश्वास बनाने तथा गलतफहमियों को दूर करने की बात कही वहीं यह भी स्पष्ट किया कि उनके बीजेपी की कमान संभालने का अर्थ हिन्दुत्व की विचारधारा में किसी तरह का परिवर्तन नहीं है।#
भारत: भाजपा की राजनीति
अल्पसंख्यकों को रिझाने के लिए गडकरी के पास कोई नुस्खा नहीं
एस एन वर्मा - 2009-12-24 13:19
नई दिल्ली। बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने आज अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस में कोई नयी बात नहीं कही है। उन्होंने साफ कहा है कि वह पार्टी के मूल विचारधारा और आदर्श से अलग हट कर कुछ नहीं करेंगे। पार्टी हिंदुत्व की जिस लाइन पर चल रही है, उसमें उन्हें कुछ नया नहीं जोड़ना है बल्कि अभी तक जो नीतियां बनी हैं उसे मजबूती प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि बीजेपी मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति का विरोध करती करेगी।