एक मई के प्रदेश कांग्रेस ने आदिवासी इलाके शाहडोल से परिवर्तन यात्रा की शुरुआत की। खबरों के अनुसार पार्टी अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया द्वारा उद्घाटित इस परिवर्तन यात्रा में प्रदेश कांग्रेस के सभी गुटों के नेताओं ने हिस्सा लिया।
यह यात्रा अलग अलग चरणों में जारी रहेगी और विधानसभा आम चुनाव के साथ ही समाप्त होगी। परिवर्तन यात्रा के उद्घाटन समारोह को विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह राहुल ने भी संबोधित किया।
राहुल गांधी की मध्यप्रदेश यात्रा के दौरान पार्टीजनों के साथ उनकी पहली बैठक धार जिले के मोहनखेड़ा में हुई। गौरतलब है कि मोहनखेड़ा जैनियों का तीर्थस्थल है। राहुल गांधी सहित अधिकांश कांग्रेस नेता जैन मुनि से आशीर्वाद लेने भी पहुंचे। पार्टी के कुछ नेताआंे को यह अच्छा नहीं लगा और उन्होंने कहा कि पार्टी की अब यह हालत हो गई है और इसके बावजूद यह अपने आपको सेकुलर कैसे कह सकती है।
राहुल गांधी से साथ बातचीत के सत्र में में प्रदेश के सभी 29 लोकसभा क्षेत्रों के कांग्रेसजनो ने हिस्सा लिया। मोहनखेड़ा में हुए सत्र में 15 लोकसभा क्षेत्रों के कांग्रेस प्रतिनिधि शामिल थे, तो भोपाल में आयोजित सत्र में 14 लोकसभा क्षेत्रों के कांग्रेस प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
राहुल गांधी चाहते थे बातचीत के उन सत्रों में जमीन से जुड़े कांग्रेसी ही वहां पहुचे। इसे सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने उन सत्रों में कांग्रेस के ज्ञात नेताओं को दूर रहने के लिए कह रखा था। जिन लोगों को सत्र से बाहर रहने के लिए कहा गया था, उनमे कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह, केन्द्रीय मंत्री सिंधिया, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया, विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पचैरी, केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ और प्रदेश के कई अन्य महत्वपूर्ण नेता शामिल थे। इन नेताओं के वहां नहीं रहने के कारण कांग्रेस कार्यकत्र्ताओं को राहुल गांधी के साथ खुलकर बात करने का मौका मिला और उन्होंने अपनी बातें कांग्रेस उपाध्यक्ष तक पहुंचाने की कोशिश की।
सागर और दमोह जिले के पार्टी कार्यकत्र्ताओं ने सबसे पहले राहुल से मुलाकात की। शारदा खटीक ने बात की शुरूआत की। उन्होंने मनीषा दुबे को टिकट दिए जाने और उनकी हार की बात का उल्लेख करते हुए कहा कि वे खुद तीन बात जनपद पंचायत का चुनाव जीत चुकी हैं, लेकिन गाॅडफादर नहीं होने के कारण उन्हें टिकट नहीं मिला। मनीषा दुबे भी वहां मौजूद थीं। उन्होंने अपनी बात राहुल को समझाने की कोशिश की, पर राहुल उनकी बातों से आश्वस्त नहीं हुए। उन्होंने मनीषा दुबे को कहा कि आपको टिकट इसलिए मिला, क्योंकि दिल्ली को आप प्रभावित करने की क्षमता रखती थीं। उन्होंने कहा कि सागर विधानसभा के लिए टिकट का फैसला दिल्ली में क्यों होना चाहिए?
सिहोर नगरपालिका की पूर्व अध्यक्ष रुक्मिनी रोहिला ने कांग्रेस उपाध्यक्ष से पूछा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए उन्होंने क्या किया है? खुद जवाब देते हुए रूक्मिनी ने कहा ’’कुछ नहीं’’। उन्होंने साफ साफ कहा कि जिलों के कितने कांग्रेस अध्यक्ष महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि जो नेता आपकी दी गई ताकत का इस्तेमाल कर जिला कांग्रेस अध्यक्षों की नियुक्ति कर रहे हैं, वे सिर्फ अपने अपने चमचों को ही मौका दे रहे हैं। राहुल गांधी ने रुक्मिनी की खरी खोटी शांतिपूर्वक सुनी और कहा कि अब ऐसा नहीं होगा।
होशंगाबाद से कांग्रेस के नेता हजारीलाल रघुबंशी ने राहुल गांधी को बताया कि 1980 के दशक में इन्द्रिराजी ने उन्हें प्रदेश का गृहमंत्री बनाया था और वह पार्टी के साथ हमेशा बने रहे। पर 50 सालो तक पार्टी के साथ जुड़े रहने के बाद भी उनकी कहीं पूछ नहीं रह गई है और उन्हें प्रदेश पार्टी की अनुशासन समिति से भी बाहर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि यदि पार्टी के सभी गुटों के नेता एक साथ नहीं आते, तो फिर पार्टी का कोई भविष्य नहीं है।
सतना जिला के उपाध्यक्ष रामकिशन मिश्र ने दिग्विजय सिंह पर निजी हमला करते हुए कहा कि उन्हें चुनावों से दूर रखा जाय, क्योंकि उन्हें पार्टी के कार्यकत्र्ता और सरकारी सेवक नापसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि सक्रिय होकर कुछ ऐसा संदेश दिग्विजय दे रहे हैं, मानों वे फिर से मुख्यमंत्री बनने वाले हैं। इस तरह का संकेत पार्टी के लिए शुभ नहीं है। (संवाद)
मध्य प्रदेश कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए राहुल बहुत गंभीर
आदिवासी इलाके के जमीन से जुड़े कार्यकत्र्ताओ से की मुलाकात
एल एस हरदेनिया - 2013-05-06 15:24
भोपालः पिछले दिनों कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का मध्यप्रदेश दौरा हुआ, जिसमे श्री गांधी ने अपनी पार्टी के नेताओ ंको साफ साफ संदेश दिया कि यदि वे एकताबद्ध नहीं हुए, तो समाप्त हो जाएगे। लगता है कि उनकी इस चेतावनी का गुटों में बंटे प्रदेश कांग्रेस नेताओं पर असर पड़ा है।