सर्वेक्षणों में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश का सबसे लोकप्रिय नेता के रूप मंे भी दिखाया जा रहा है। उनका निष्कर्ष है कि देश में सबसे ज्यादा लोग नरेन्द्र मोदी को ही देश के अगले प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। उत्तर प्रदेश भाजपा नरेन्द्र मोदी की इस लोकप्रियता का लाभ उठाने की रणनीति पर चल रही है।
इस रणनीति के तहत उत्तर प्रदेश के नेता और कार्यकत्र्ता लखनऊ से गुजरात के मुख्यमंत्री को पार्टी का उम्मीदवार बनाना चाहते हैं। इसके लिए एक हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी ने अनेक बार संसद में लखनऊ का प्रतिनिधित्व किया है। जब वे देश के प्रधानमंत्री थे, उस समय भी वे लखनऊ को ही लोकसभा में प्रतिनिघित्व कर रहे थे।
अब भाजपा के नेता और कार्यकत्र्ता चाहते हैं कि आने वाली लोकसभा मंे लखनऊ का चुनाव नरेन्द्र मोदी ही लड़ें। इस समय वहां से लोकसभा सांसद लालजी टंडन है। उन्हें राज्यसभा मंे भेजे जाने की मांग की जा रही है, ताकि वे श्री मोदी के लिए वह सीट खाली कर सकें।
उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं और यहां की चुनावी सफलता भाजपा के लिए बहुत मायने रखती है। यदि पार्टी को अपने लोकसभा सांसदों की संख्या बढ़ानी है, तो उसे उत्तर प्रदेश में बेहतर प्रदर्शन करना ही होगा। एक समय था, जब अविभाजित उत्तर प्रदेश की 85 सीटों में से 57 सीटों पर भाजपा का कब्जा हुआ करता था।
पर इस समय भाजपा का कब्जा वहां मात्र 10 सीटांे पर ही है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश से ही हैं। वे यहां के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। जाहिर है प्रदेश से ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करना उनकी अपनी राजनैतिक प्रतिष्ठा से जुड़ गया है।
राजनाथ सिंह चाहते हैं कि प्रदेश में भाजपा कम से कम 40 सीटों पर जीत हासिल करे। पार्टी की स्थिति को देखते हुए यह निश्चय ही एक बहुत ही महत्वाकांक्षी आंकड़ा है। लेकिन यदि पार्टी को सम्मानजनक तरीके से केन्द्र की अगली सरकार को बनाना है, तो उसे उत्तर प्रदेश में बेहतर प्रदर्शन करना जरूरी है।
नरेन्द्र मोदी को उत्तर प्रदेश की राजनीति में ज्यादा से ज्यादा दिलचस्पी लेने की कोशिशों के तहत ही राजनाथ सिंह ने मोदी के करीबी अमित शाह को प्रदेश का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया है। गौरतलब है कि अमित शाह गुजरता के गृहमंत्री रह चुके हैं और पुलिस द्वारा किए गए कथिता फर्जी मुठभेड़ के मामले मे उनके खिलाफ मुकदमा चल रहा है। उस मुदकमे में वे कुछ समय जेल में भी बिता चुके हैं।
नरेन्द्र मोदी को लखनऊ से चुनाव लड़ाने के पीछे सिर्फ यह कारण नहीं है कि उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी की सीट पर उत्तर प्रदेश भाजपा देखना चाहती है, बल्कि उनका अनुमान है कि वहां से मोदी के चुनाव लड़ने के कारण पार्टी को पूरे उत्तर प्रदेश में लाभ होगा। इसके कारण प्रदेश के पार्टी कार्यकत्र्ताओं में नये जोश का संचार होगा, जिसका फायदा दूसरे प्रत्याशियों को भी होगा।
पार्टी ने उम्मीदवारों की चयन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। उसने सभी वर्तमान लोकसभा सांसदों को फिर से टिकट देने का फैसला किया है। यदि नरेन्द्र मोदी लखनऊ से चुनाव लड़ते हैं तो लालजी टंडन का राज्यसभा से संसद में भेजा जाएगा।
करीब एक दर्जन विधायकों को भी लोकसभा का चुनाव लड़ाने की बात की जा रही है। इनमें कलराज मिश्र, उमा भारती, हुकुम ंिसंह, सतीश महान, नेपाल सिंह, साध्वी निरंजन ज्योति और लोकेन्द्र शामिल हैं।(संवाद)
मोदी को मोर्चे के आगे रखने की रणनीति
उत्तर प्रदेश भाजपा लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी
प्रदीप कपूर - 2013-06-08 10:01
लखनऊः चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों से उत्साहित होकर भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव की तैयारी जोर शोर से शुरू कर दी है। गौरतलब है कि पिछले दिनों किए गए कुछ सर्वेक्षणों में भारतीय जनता पार्टी को कांग्रेस के ऊपर भारी दिखाई गया था।