एक समय था, जब कहा जा रहा था कि प्रदेश के भाजपा नेता और कार्यकत्र्ता उस सीट से गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को उम्मीदवार बनाना चाहते हैं। इसके लिए भाजपा कार्यकत्र्ताओं द्वारा हस्ताक्षर अभियान चलाने की भी खबरें आती रहती थीं।
माना जाता था कि नरेन्द्र मोदी के वहां से उम्मीदवार बनने से अटल की वह सीट भाजपा के पास तो रहेगी ही, आसपास के इलाकों में भी नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता का लाभ पार्टी को मिलेगा। अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए लखनऊ लोकसभा क्षेत्र का ही संसद में प्रतिनिधित्व करते थे। इसलिए प्रधानमंत्री पद के लिए नरेन्द्र मोदी को पेश किए जाने के साथ साथ उन्हें लखनऊ सीट से ही लड़ाने की मांग भाजपा के अनेक कार्यकत्र्ता उठा रहे थे।
अब कुछ अन्य नेताओ ंद्वारा भी लखनऊ लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनने की इच्छा व्यक्त करने की खबर आ रही है। इस समय भी यह सीट भाजपा के ही पास है। पिछले चुनाव में लालजी टंडन ने यहां सफलता पाई थी। वे अगला चुनाव भी इसी लोकसभा क्षेत्र से लड़ना चाहते हैं।
कहा जाता है कि नरेन्द्र मोदी को लखनऊ से खड़ा करवाने के अभियान को उन्होंने पसंद नहीं किया था। पर उनके उम्मीदवार बनने पर वह अपनी तरफ से किसी प्रकार की अरुचि का इजहार सार्वजनिक रूप से नहीं करते। एक पत्रकार ने जब उनसे नरेन्द्र मोदी की उम्मीदवारी के बारे में पूछा तो उनका कहना था कि यदि श्री मोदी यहां से चुनाव लड़े, तो उनकी जीत यहां से सुनिश्चित है और मैं खुद उनकी जीत के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दूंगा।
श्री टंडन तो यहां के स्वाभाविक उम्मीदवार हैं, क्योंकि यह सीट अभी उनके ही पास है। पिछली बार जब भाजपा पूरे प्रदेश में चैथे नंबर की पार्टी बन गई थी और उसे 80 में से मात्र 10 लोकसभा सीटों से ही सफलता मिली थी, तब भी लखनऊ सीट से लालजी टंडन ने शानदार सफलता हासिल की थी।
चर्चा है कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता मुरली मनोहर जोशी भी यहां से चुनाव लड़ना चाहते हैं। यह सीट बहुत ही प्रतिष्ठा की है, क्योंकि इसके साथ अटल बिहारी वाजपेयी का नाम जुड़ा हुआ है। इसलिए अटल बिहारी वाजपेयी की जगह लेने के इच्छुक अनेक नेता यहां से चुनाव लड़ना चाहते हैं। मुरली मनोहर जोशी भी उन नेताओं में से एक हैं। फिलहाल वे लोकसभा में बनारस का प्रतिनिधित्व करते हैं।
उत्तर प्रदेश के एक अन्य भाजपा नेता कलराज मिश्र भी अटल की एक सीट से चुनाव लड़ने की लालसा पाल रहे हैं। वे फिलहाल उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य हैं, लेकिन व ेअब संसद जाना चाहते हैं और वह भी लखनऊ सीट से।
सबसे ज्यादा आश्चर्य राजनाथ सिंह की उम्मीदवारी की चर्चा पर होता है। राजनाथ सिंह इस समय गाजियाबाद से लोकसभा में हैं। उनके बारे में कहा जाता था कि नरेन्द्र मोदी को वे लखनऊ से खड़ा करना चाहते हैं, ताकि इसका लाभ उत्तर प्रदेश की अन्य सीटों पर भी पार्टी को मिले। पर अब चर्चा यह है कि वे खुद ही लखनऊ से उम्मीदवार बनना चाहते हैं।
दरअसल गाजियाबाद को लेकर राजनाथ सिंह खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। पिछली लोकसभा के चुनाव के समय वहां से समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवार नहीं खड़ा किया था। इसका फायदा श्री सिंह को मिला था। उन्हें अजित सिंह के राष्ट्रीय लोकदल का समर्थन भी मिल रहा था, जिसके साथ उनकी भाजपा का गठबंधन था। पर इस बार अजित सिंह कांग्रेस के साथ हैं।
इन दो कारणों से राजनाथ सिंह के लिए गाजियाबाद की सीट सुरक्षित नहीं दिखाई दे रही है और वे अपनी सीट बदलना चाहते हैं।
सपा और बसपा ने लखनऊ सीट से अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। दोनों ही उम्मीदवार ब्राह्मण हैं। उम्मीद है कि कांग्रेस भी ब्राह्मण उम्मीदवार ही यहां से देंगी। संभवतः रीता बहुगुणा जोशी यहां से उसकी उम्मीदवार होंगी। वैसी स्थिति में यह देखता दिलचस्प होगा कि यहां से भाजपा का उम्मीदवार कौन होगा? (संवाद)
लखनऊ सीट के लिए भाजपा में मारामारी
अटल की सीट से चुनाव लड़ने की अनेक नेताओं की चाह
प्रदीप कपूर - 2013-07-01 13:48
लखनऊः लखनऊ लोकसभा की सीट से भाजपा का कौन उम्मीदवार होगा, इसे लेकर प्रदेश की राजधानी में तरह तरह की चर्चाएं चल रही हैं।