उल्लेखनीय है कि यहां देश-विदेश के पर्यटक भारी तादाद में आते हैं लेकिन यहां व्यापक अव्यवस्था के चलते सभी को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इस प्राचीन ऐतिहासिक हनुमान मंदिर की स्थापना 13वीं षताब्दी में हुई थी, जिसमें पांडवकालीन मूर्तियां स्थापित हैं। इसका जीर्णोद्धार 1970 में मंदिर ट्रस्ट ने किया था ।
करीब दो वर्ष पूर्व नई दिल्ली नगर पालिका ने इसके सौंदर्यीकरण की योजना बनायी थी, जो योजनाबद्व तरीके से पूरी हो रही है। इससे मंदिर के पर्यावरण को साफ-सुथरा बनाने में मदद मिली है। लेकिन मंदिर के आसपास रिहायशी काम्पलेक्स में अतिक्रमण कर चार-चार मंजिलों तक निर्माण किये जा चुके हैं जिस कारण मंदिर और इसके गुंबद भी नही दिखायी देते। इससे ये मंदिर लगभग ढक चुका है और उसकी छवि भी बिगड रही है ।
नगर पालिका केंद्र के ठीक पीछे होने के बावजूद इस हनुमान मंदिर परिसर में हो रहे अतिक्रमण को हटाने के लिए कोई कार्यवाही नही हो रही है। इससे मंदिर के अस्तित्व पर ही खतरा मंडरा रहा है और प्राचीन विरासत स्थल के संरक्षण पर सवालिया निसान लग रहे हैं । #
भारत: दिल्ली
ऐतिहासिक हनुमान मंदिर के संरक्षण की उपेक्षा
विशेष संवाददाता - 2009-12-30 10:36
नई दिल्ली: राष्ट्रमंडल खेलों के लिए समूची दिल्ली को सजाने संवारने का काम तेजी से चल रहा है। अरबों रुपये इन राष्ट्रमंडल खेलो की तैयारियो पर खर्च किये जा रहे हैं, लेकिन कनाटप्लेस के बाबा खडगसिंह मार्ग स्थित ऐतिहासिक प्राचीन हनुमान मंन्दिर को विरासत स्थल के रूप में संरक्षित करने के लिए कोई ठोस कदम नही उठाये जा रहे हैं ।