भारतीय जनता पार्टी को अपनी विरोधी पार्टियों से कोई खतरा नहीं है। सच कहा जाय, तो उसे अपने आपसे खतरा है।

उसकी हालत का पता पिछले दिनों भाजपा की प्रदेश ईकाई की कार्यकारिणी के दौरान लगा। यह बैठक बहुत दिनों के बाद हो रही थी। पार्टी नेतृत्व के तानाशाही रवैये के खिलाफ पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष ए टी रमेश, महासचिव ए एन राधाकृष्णन, राज्य समिति के सदस्य दामोदरन व एम के शशिन्दरन और पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष पी एस श्रीघरन पिल्लै ने बैठक का बहिष्कार किया। उनकी मुख्य शिकायत थी कि प्रदेश समिति के सदस्यों का चुनाव मनमाने तरीके से कर दिया गया है और उसमे ंसबकी राय नहीं ली गई। एम एस कुमार को पार्टी का प्रदेश उपाध्यक्ष नहीं बनाने को लेकर मुख्य मतभेद है।

हालांकि प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वी मुरलीधरन इससे इनकार करते हैं, लेकिन उनके विरोधी खेमे के अनेक नेता, जिनमें पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बंगारु दत्तात्रेय भी शामिल हैं, इस तरह की शिकायत कर रहे हैं। शिकायत के यह स्वर बैठक के दौरान भी उठी। उस बैठक में श्री दत्तात्रेय भी शामिल थे।

यह बैठक लोकसभा चुनावों को लेकर थी। इसलिए भाजपा नेताओं की इसमें उपस्थिति अभूतपूर्व थी। उनकी अनुपस्थिति पर सबका ध्यान गया है। राज्य के नेताओं को इसका जवाब देना होगा और उन्हें सफाई देने में निश्चय तौर पर परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

पार्टी के अखिल भारतीय सचिव पी के कृष्णन दास भी इस बैठक में शामिल थे। लेकिन वे बैठक के बीच में से ही उठकर चले गए। श्री दास भी प्रदेश ईकाई के अध्यक्ष रह चुके हैं। वे भी पार्टी के वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष के कामकाज के तरीके से खुश नहीं हैं।

पार्टी के अंदर चल रह गुटबाजी और अनेक नेताओं में पनप रहा असंतोष पार्टी के सवास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। इसका आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर बुरा असर पड़ेगा। पार्टी के रणनीति अपने मजबूत इलाकों पर ध्यान केन्द्रित करने की है। वह प्रदेश की सभी सीटों पर अपना समय और शक्ति बर्बाद करना नहीं चाहती। जिन सीटों पर भाजपा अपना ध्यान केन्द्रित करना चाहती है, वे हैं- कसारगोडे, कोझिकोडे, तिरूसुर, तिरूअनंतपुरम और पलक्कड।

भाजपा चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी चुनावों के दौरान सबसे प्रमुख प्रचारक होंगे। वैसे मोदी के कार्यक्रम अभी तय नहीं हुए हैं, लेकिन वे पार्टी के कुछ मजबूत इलाकों में ही प्रचार कर पाएंगे। अगले महीने कोलन में अमृतानन्दमयी मठ का 60वां स्थापना दिवस मनाया जाएगा। उस उत्सव में भी मोदी के शामिल होने की संभावना है।

भाजपा के नेताओं को लग रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी को पहली विजय हासिल हो सकती है और लोकसभा में पहली बार केरल से पार्टी का प्रतिनिधित्व हो सकता हैं पार्टी को पलाक्कड, कसारगोड और तिरुअनंतपुरम से बहुत उम्मीद है। (संवाद)