एक दूसरी खबर में मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का महानतम नेता घोषित कर दिया और उन्हें सरदार तक बता दिया। जब पिछले सप्ताह नरेन्द्र मोदी पंजाब में थे, तो उनकी उपस्थिति में ही मुख्यमंत्री बादल ने इस तरह की घोषणा की।
मीडिया के खिलाफ गलत खबरें प्रसारित करने का आरोप लगाने वाले कोई पहले राजनेता सुखबीर सिंह बादल नहीं हैं। जहां कहीं भी सत्तारूढ़ नेता मीडिया की आलोचना का शिकार होते हैं, वे उनकी खबरों को निराधार, मनगढंत और पक्षपातपूर्ण बताते हैं। बहुत बार तो वे अपनी कही गई बात के लिए भी मीडिया को दोषी ठहरा देते हैं और कहते हैं कि उन्हें गलत तरीके से कोट किया गया था।
सुखबीर बादल कह रहे हैं कि राज्य की वित्तीय स्थित ठीक है और सरकार ने वेतन और पेंशन के भुगतान में कभी भी विलंब नहीं किया है। जिस दिन सुखबीर की यह खबर अखबारों में छपी, उसके एक दिन बाद ही यह बात सामने आई कि सरकारी कर्मचारियों के एक बड़े वर्ग ने अनेक दिनों से वेतन पाया ही नहीं है और रिटायर कर्मचारियों को भी पेशन बहुत दिनों से नहीं मिला है। मीडिया की खबरों में यह बात भी सामने आई कि वृद्धावस्था पेंशन पाने वालों, विधवाओं, विकलांगों और दूसरों पर निर्भर बच्चों को जून महीने से ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन नहीं मिले हैं। इन मदों में राज्य सरकार पर 150 करोड़ रुपये का बकाया हो चुका है। बच्चों को स्कूलों में मिलने वाले मिड डे मील पर भी रोक लगी हुई थी, क्योंकि उसके लिए आने वाले पैसों से शिक्षकों को तनख्वाह दिया गया था। पिछले 7 महीनों से आटा दाल कार्यक्रम के तहत गरीब लोगों को दाल की आपूर्ति नहीं की जा रही थी।
खबर यह भी छपी कि राज्य सरकार पर कर्ज का बोझ बढ़कर एक लाख करोड़ रुपया हो गया है। इस पर उपमख्यमंत्री कहते हैं कि बिना कर्ज का न तो कोई देश चलता है और न ही कोई व्यापार। वह गलत भी नहीं हैं, लेकिन जब कर्ज लेकर वेतन का भुगतान किया जा रहा हो और सरकार के रोजाना खर्च की उससे पूर्ति हो रही हो, तो उसे संकट का काल ही समझना चाहिए। इसके बाद तो बस दिवालियापन आना ही बाकी रह जाता है। पंजाब इसी समस्या का सामना कर रहा है।
सत्तारूढ़ नेता मतदाताओं पर सरकारी पैसे लुटा रहे हैं। अनेक प्रकार की सब्सिडियां दी जा रही हैं, जिसके कारण वित्तीय संकट खड़ा हो रहा है। यह अन्य स्रोतों से वित्तीय संसाधन भी नहीं जुटा रही है। उसे डर है कि मतदाता कहीं नाराज न हो जाय। अकाली दल को ग्रामीण मतदाताओं का डर सताता है, तो भारतीय जनता पार्टी को शहरी मतदाताओं के नाराज होने का डर। बस सरकार का एक ही काम रह गया है। वह अपने वित्तीय संकट के लिए केन्द्र सरकार को दोष देती है और कहती है कि वह राज्य सरकार की सहायता नहीं कर रही।
वित्त मंत्री परमींदर सिंह धिंध ने कुछ दिन पहले कहा था कि गठबंधन धर्म के कारण समस्याओ का सामना करना पड़ रहा है। सके कारण न तो टैक्स का आधार विस्तृत हो पा रहा है और न ही टैक्स की चोरी को रोका जा रहा है। (संवाद)
पंजाब का राजकोष संकट में
अकाली दल ने दिया मोदी का साथ
बी के चम - 2013-09-18 12:00
चंडीगढ़ः पिछले दिनों चंडीगढ़ के अखबारों में दो सुर्खियां आईं। एक में उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के हवाले से कहा गया कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि मीडिया राज्य सरकार के राजकोष के बारे में गलत जानकारी दे रहा है। उसमें सुखबीर ने था कि यह गलत कहा जा रहा है कि सरकारी खजाना खाली है। सरकार द्वारा कर्मचारियों को वेतन और रिटायर लोगों को पेंशन देने में चूक जाने की बात को भी उन्होंने खारिज कर दिया था। उन्होंने मीडिया की आलोचना करते हुए कहा कि वह नाहक राज्य सरकार को बदनाम र रहा है और कह रहा है कि सरकार वित्तीय संकट से ग्रस्त है।