समाजवादी पार्टी को यह अहसास हो गया है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दंगों को जिस तरह से हैंडिल किया, उससे मुसलमान बहुत ही ज्यादा नाराज हो गए हैं। उसके कारण पार्टी को बहुत ज्यादा हानि होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
मुसलमानो के अनेक संगठनों ने मुजफ्फरनगर दंगे के बाद अखिलेश सरकार के इस्तीफे की मांग कर दी। कुछ ने तो केन्द्र सरकार से उस सरकार की बर्खास्तगी की मांग तक कर डाली। मुस्लिम संगठनों का दावा है कि दंगों में मुसलमानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है और उनमें से हजारों लोगो को तो अपने गांव तक छोड़ने पड़े हैं।
इसके कारण जब अखिलेश यादव दंगा पीडि़त इलाकों का दौरा कर रहे थे, तो मुसलमानो ंने उन्हें काले झंडे भी दिखाए थे।
आजम खान को समाजवादी पार्टी का मुस्लिम चेहरा माना जाता है। उनकी शिकायत है कि दंगों को रोकने के लिए प्रशासन ने देर से कदम उठाया। हालांकि खुद आजम खान को दंगों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। उन पर आरोप है कि उन्होंने दो जाट युवकों की हत्या के कुछ आरोपियों को पुलिस पर दबाव बनाकर छुड़वा दिया था और दंगे उसके कारण ही भड़के थे।
मुलायम सिंह यादव को 2014 के चुनावों की चिंता सता रही है। उन्हें पता है कि यदि मुसलमानों की उनकी पार्टी से नाराजगी बनी रही, तो उस चुनाव में उनकी सीटें बहुत कम हो जाएंगी और प्रधानमंत्री बनने का उनका सपना सपना ही रह जाएगा।
मुसलमानों का गुस्सा शांत करने के लिए मुलायम ने सबसे पहले 10 सदस्यों की एक सद्भावना समिति का गठन किया। उस समिति के प्रमुख मुलायम के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव हैं। इस समिति के लोग मुजफ्फरनगर व उत्तर प्रदेश के अन्य इलाकों में समाज के सभी तबकों से मिलकर शांति और सद्भावना की कोशिशों मंे लगी हुई हैं।
मुलायम और अखिलेश ने प्रदेश भर में कड़ी चेतावनी जारी की है कि जो कोई भी अशांति फैलाता दिखाई पड़ेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अब पिता पुत्र मुस्लिम संगठनों और संस्थाओं के नेताओं से खुद मिल रहे हैं और उनके साथ बेहतर संबंध बनाने के लिए उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान कर रहे हैं। उनके लिए सरकारी खजाने का मुह भी खोल दिया गया है।
मुलायम ने अभी हाल ही में जमिया उलेमा ए हिंद के मौलाना अरशद मदनी से मुलाकात ही और उनके साथ मिलकर मुसलमानों का विश्वास फिर से जीतने के तौर तरीकों पर चर्चा की।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख ने जफरयाब जिलानी द्वारा चलाए जा रहे मुमताज पीजी काॅलेज का भी दौरा किया। वहां वे श्री जिलानी से मिले। गौरतलब है कि श्री जिलानी आॅल इंडिया बाबरी मस्जिद एक्शन कमिटी के संयोजक हैं। वे आॅल इंडिया पर्सनल लाॅ बोर्ड के कानूनी सलाहकार भी हैं। मुलायम सिंह यादव ने उनकी संस्था को भारी मात्रा में धन देने की घोषणा कर दी। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार प्रदेश में मुसलमानों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुलायम सिंह यादव ने कहा कि इससे फर्क नहीं पड़ता है कि लोग उनकी पार्टी और सरकार के बारे में क्या कहते हैं, वे मुसलमानों के हितों की रक्षा के लिए काम करते रहेंगे।
प्रदेश के अनेक इलाकों से मुसलमान और उनके नेता लखनऊ लाए जा रहे हैं और उनके अखिलेश यादव मुलाकात कर रहे हैं। उन मुलाकातों में वे उन्हें भरोसा दिलाते हैं कि उन्हें उनका पूरा समर्थन प्राप्त है। वे उन्हें कहते हैं कि दोषी लोगों को छो़ड़ा नही ंजाएगा। (संवाद)
मुसलमानों को रिझाने में जुटे मुलायम और अखिलेश
मुसलमानों के लिए खुल गया है सरकारी खजाना
प्रदीप कपूर - 2013-10-05 12:13
लखनऊः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और उनके मुख्यमंत्री बेटे अखिलेश यादव आजकल मुजफ्फरनगर दंगे से हुए नुकसान की भरपाई करने मे व्यस्त हैं। इन दंगों से मुसलमान उनसे नाराज हो गए हैं। अब मुलायम सिंह यादव उनकी नाराजगी दूर करने के लिए सरकार खजाने का मुह खोल चुके हैं।