शशि थरूर सोशल नेटवर्क ट्विटर पर सक्रिय रहा करते हैं। इस पर उनके अनुयाइयों की संख्या बहुत ज्यादा है। इस पर अपने पोस्ट डालने के कारण अतीत में भी बहुत विवादों में रह चुके हैं। इस बार वे अपनी पत्नी की मौत के कारण विवादों में आ गए हैं।
हालांकि अब डाॅक्टरों ने उनकी मौत का कारण ज्यादा दवाइयां लेना बताया है और वे फिलहाल किसी कानूनी संकट में पड़ते नहीं दिखाई देते, लेकिन पोस्टमार्टम के दिन डाॅक्टरों ने यह भी कह दिया था कि उनकी पत्नी की मौत अप्राकृतिक है। इसके कारण उनकी स्थिति बहुत खराब हो गई थी।
थरूर के अनेक विरोधी केरल के कांग्रेसियों के बीच में हैं। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट आने के पहले से ही उनपर हमले होने लगे थे और यूडीएम के संयोजक पी पी थकचन ने घोषणा कर दी थी कि यदि अंतिम पोस्ट मार्टम रिपोर्ट की कोई बात थरूर के खिलाफ गई, तो उन्हें लोकसभा टिकट से आगामी लोकसभा चुनाव में वंचित कर दिया जाएगा।
एक अन्य कांग्रेसी नेता जार्ज मर्सियर ने भी कहा था कि शशि थरूर को अपना पारिवारिक मामला बहुत ही सतर्कता और सावधानी से सुलटाना चाहिए था।
गौरतलब है कि कांग्रेसियों का एक तबका कभी भी थरूर को लेकर संयमित नहीं रहा है। वह तबका शशि थरूर को तिरुअनंतपुरम से टिकट दिए जाने का विरोधी था। उसके विरोध के बावजूद कांग्रेस आलाकमान ने थरूर को टिकट दिया। वे चुनाव जीते और मंत्री भी बन बैठे। हालांकि आइपीएल घोटाले में शामिल पाए जाने के कारण उन्हें मंत्री के पद से हाथ धोना पड़ा था। उस घोटाले से उनको मुक्ति तो नहीं मिली, पर उन्हें दुबारा चुपके से मंत्रिपरिषद में ले लिया गया।
लेकिन अब राजनैतिक स्थिति काफी बदल चुकी है। थरूर का एक के बाद एक विवादों से नाता रहा है। सच कहा जाय, तो थरूर से संबंधित जितने विवाद मनमोहन सरकार के दूसरे कार्यकाल मंे उठे, उतने विवाद किसी अन्य मंत्री के साथ नहीं उठे। इसके कारण कांग्रेस आलाकमान के बीच भी उनकी प्रतिष्ठा मारी गई है। इसके कारण अब स्थिति ऐसी बनी गई है, जिसमें उनका टिकट काटा जाना आसान हो गया है।
आगामी लोकसभा चुनाव कांग्रेस के लिए काफी मायने रखता है। वह एक एक सीट पर जीतने के लिए अपनी सारी ताकत लगाने वाली है। तिरुअनंतपुरम तो उसके लिए खास महत्व का है। यह कांग्रेस के लिए आसान सीट मानी जा रही है और कांग्रेस को उम्मीद है कि इस सीट को निकाला जा सकता है। यहां का जाति और सांप्रदायिक समीकरण भी कांग्रेस के पक्ष में है। इसलिए किसी विवादित उम्मीदवार को यहां से टिकट देने का जोखिम कांग्रेस नहीं लेना चाहेगी।
यदि शशि थरूर को यह सीट दुबारा मिली, तो विपक्षी एलडीएफ के लिए इसे कांगेस से छीननी आसान हो जाएगा। विपक्षी एलडीएफ मे सीपीआई के खाते यह सीट जाती है। उसके नेता केरल के पार्टी सचिव पी रवीन्द्रन ने मांग की है कि सुनंदा पुष्कर की मौत की पूरी जांच की जाय। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में उनकी पार्टी थरूर के साथ है, लेकिन चूंकि वे एक लोकसेवक हैं इसलिए लोगों को सुनंदा की मौत से जुड़ी सारी जानकारी पाने का हक है।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यदि थरूर को दुबारा तिरुअनंतपुरम से कांग्रेस का टिकट दिया गया, तो उसका असर सिर्फ उसी सीट तक नहीं रहेगा, बल्कि प्रदेश की अन्य सीटों पर भी उस असर पड़ेगा और कांग्रेस की स्थिति पूरे प्रदेश में प्रभावित हो सकती है।
जाहिर है, शशि थरूर के लिए दुबारा टिकट पाना आसान नहीं होगा। (संवाद)
शशि थरूर की उम्मीदवारी पर सवालिया निशान
उनके विरोधी हो गए हैं सक्रिय
पी श्रीकुमारन - 2014-01-21 13:06
तिरुअनंतपुरमः अपनी पत्नी की मौत पर उठे विवाद के बाद शशि थरूर की आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की उम्मीदवारी पर संदेह के बाद उमड़ने लगे हैं। गौरतलब है कि श्री थरूर तिरुअनंतपुरम लोकसभा क्षेत्र का संसद में प्रतिनिधित्व करते हैं।