उनके अनुसार लघु कालीन पूर्वानुमान में 77 प्रतिशत सटीकता हासिल की जा चुकी है । वर्ष 2012 मे इनसैट 3 डी तथा ओसियन सैट 2 के प्रक्षेपण के बाद इसमें और सुधार आएगा । उन्होंने बताया कि मौसम पर्यवेक्षण तंत्र को बेहतर पूर्वानुमान के लिए उन्नत बनाया गया है । इस साल के अंत तक 650 जिले मौसम पूर्वानुमान के तहत आ जायेंगे, फिलहाल 450 जिले मौसम पूर्वानुमान के तहत हैं। उन्हांने कहा कि मौसम पूर्वानुमान खासकर भारी वर्षा का पूर्वानुमान लगाने के लिए बहुत अधिक आंकड़ों की आवश्यकता होती है ।

डॉ नायक ने कहा कि मौसम पूर्वानुमान के क्षेत्र में विशेषज्ञों की कमी है और इसे देखते हुए कम से कम 30-40 व्यक्तियों को मौसम अध्ययन में प्रशिक्षण देने के लिए एक प्रशिक्षण विद्यालय खोला जाएगा । नीति निर्माताओं को बेहतर मौसम पूर्वानुमान प्रदान करने के लिए मौसम अध्ययन जैसे क्षेत्र में व्यापक निवेश की आवश्यकता है । उन्होंने बताया कि नई दिल्ली में आगामी राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान वायु गुणवत्ता तंत्र स्थापित किया जाएगा तथा कार्बन मोनोऑक्साइड, बेंजीन ओजोन तथा नाइट्रोजन के आक्साइडों की उपस्थिति जानने के लिए निगरानी की जाएगी । यदि यह तंत्र सफल रहा तो इसे अन्य महानगरों में भी लगाया जाएगा ।

समुद्र के बढत़े स्तर पर चिंता प्रकट करते हुए डॉ. नायक ने कहा कि 1961-2003 के दौरान दुनियाभर मे समुद्र औसत 1.8 मिलीमीटर प्रतिवर्ष की दर से बढा़ । यह दर 1993-2003 के दौरान 3.1 मिलीमीटर से भी अधिक हो गयी । भारत महासागर में 2004-08 के दौरान समुद्र स्तरं में 9 मिली मीटर की वृद्धि हुई । समुद्र स्तर में वृद्धि के कारण फिलहाल ज्ञात नहीं है और इसके लिए दुनिया भर मे गंभीर अध्ययन चल रहा है। डॉ. नायक के अनुसार लक्षद्वीपों के क्षरण का कारण समुद्र स्तर में वृद्धि हो सकती है । #