मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने इस साल को अच्छे प्रशासन के साल के रूप में मनाने का भी फैसला किया है। यह फेसला थोड़ा अटपटा लगता है, क्योंकि यदि आप आगे प्रशासन देने की बात कर रहे हैं, इसका मतलब यह है कि आप मान रहे हैं कि अबतक का प्रशासन अच्छा नहीं था। क्या मुख्यमंत्री बादल इस बात को साफ साफ स्वीकार करने के लिए तैयार हैं कि उन्होने अबतक राज्य को बेहतर प्रशासन नहीं दिया है?
सरकार अनेक उपलब्धियों का दावा कर रही है। वह कहती है कि उसने विकास के जितने काम किए हैं, उतने काम कभी भी किसी सरकार ने किए ही नहीं। सरकार का दावा चाहे जो हो, लेकिन हकीकत कुछ और ही है।
अकाली दल और भाजपा की राज्य में मिली जुली सरकार है। दोनों के बीच शुरू से ही तकरार है। दोनों पार्टियों के बीच के विवाद जब तब सार्वजनिक भी होते रहते हैं। दोनों दलों के नेताओं और कार्यकत्र्ताओं के बीच के विवाद ने अनेक बार बहुत ही अप्रिय रूप तक धारण किया है।
राज्य सरकार विकास की गतिविधियों को तेज करने की बात कर रही है, लेकिन वह खुद वित्तीय संकट से ग्रस्त है। उसने किसानों को मुफ्त बिजली देने की योजनाएं चला रखी थी। उसके कारण उसपर वित्तीय बोझ बढ़ता गया। ग्रामीण क्षेत्र के लोग अकाली दल के मुख्य राजनैतिक आघार हैं। इसलिए अकाली दल के नेता उस आधार को खुश रखने की नीति पर चलना चाहते हैं और सरकार के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए शहरी लोगों पर दबाव बनाना चाहते हैं। लेकिन उनकी समस्या यह है कि सहयोगी भाजपा का मुख्य आधार शहरी लोग हैं। उनमें सरकारी नीतियों के कारण पैदा आक्रोश भाजपा की राजनीति को कमजोर करता हैं इसके कारण सरकार के सामने अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने में समस्या होती है।
प्रकाश सिंब बादल अपनी सरकार की उपलब्धियों के लिए अपनी पीठ थपथपा रहे हैं, लेकिन उनके वर्तमान कार्यकाल में आतंकवाद एक बार फिर दस्तक देने लगा है। 1977 में जब प्रकाश सिंह बादल मुख्यमंत्री बने थे, तो उसी समय आतंकवादी भी सिर उठाने लगे थे। 1970 के दशक के अंत और 1980 के दशक के ज्यादातर समय में पंजाब आतंकवाद का शिकार रहा था। उस आतंकवाद का शिकार देश के दूसरे हिस्सों को भी होना पड़ा था।
उक बार फिर आतंकवादी अपनी सक्रिय होते दिखाई दे रहे हैं। धार्मिक सहिष्णुता फिर खत्म होती दिखाई दे रही है। बम विस्फोट की घटनाएं घटी हैं। एक समुुदाय के धार्मिक गुरू की हत्या भी हो गई थी। खतरा है कि यदि उनपर लगाम नहीं लगाया गया, तो एक बार फिर पंजाब आतंकवाद की गोद में जा सकता है। (संवाद)
भारत: पंजाब
बादल की बड़ी उपलब्धि का दावा खोखला
भाजपा से तकरार और आतंकवाद की दस्तक
बी के चम - 2010-01-06 13:09
चंडीगढ़ः नये साल में सरकार द्वारा नई घोषणाओं का रिवाज अब समाप्त होता जा रहा है, लेकिन फिर भी इस साल की शुरुआत में पंजाब की बादल सरकार ने साल में कुछ नया करके दिखाने की घोषणा की है। सरकार का कहना है कि इस साल अनेक प्रकार की विकास की गतिविधियां होंगी।