यहां लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ साथ हो रहे हैं। चुनाव के पहले नवीन पटनायक ने कांग्रेस के अनेक नेताओं को अपनी पार्टी में मिला लिया है और झारखंड मुक्ति मोर्चा के लगभग सारे नेताओं को मिलाकर उसका उड़ीसा में सफाया ही कर दिया है।
यहां 10 अप्रैल और 17 अप्रैल को मतदान होंगे। विधानसभा की 147 सीटों और लोकसभा की 21 सीटों के लिए मतदाता मतदान करेंगे।
कांग्रेस के कमजोर नेतृत्व के कारण नवीन पटनायक को यहां भारी फायदा हो रहा है। अप्रभावी नेतृत्व के कारण प्रदेश कांग्रेस अपने नेताओं को भी एक साथ रखने में नाकाम हो रही है।
कांग्रेस के अंदर भारी असंतोष है। इसका भरपूर फायदा नवीन पटनायक ने उठाया है। कांग्रेस के लिए इससे बड़ा झटका और क्या हो सकता है कि विधानसभा में उसके नेता भूपिंदर सिंह को श्री पटनायक ने अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है। नयागढ़ जिला के कांग्रेस अध्यक्ष भी अब पटनायक के दल में हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमला दास और कांग्रेस विधायक दल के सचिव अनूप कुमार साई भी सत्तारूढ़ दल में आ चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी मेमा गमांग भी अब नवीन पटनायक के बीजू जनता दल के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ रही हैं। अनूप साई भी नवीन के दल से चुनाव लड़ रहे हैं।
ओडिसा कांग्रेस के अंदर असंतोष इतना ज्यादा बढ़ गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री रामकृष्ण पटनायक और पूर्व सांसद उनकी पत्नी कुमुदिनी ने भी पार्टी छोड़ दी है। कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री हेमेन्द्र बिस्वाल को चुनाव लड़ाना चाहती थी, लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। विधानसभा में कांग्रेस के उपनेता चक्रधर नायक को टिकट नहीं दिया गया, तो उन्होंने पार्टी से ही इस्तीफा दे दिया। रामकृष्ण पटनायक, कुमुदिनी पटनायक और उनकी बेटी अनिता ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है।
नवीन पटनायक सिर्फ कांग्रेस में ही सेंध नहीं लगा रहे हैं, बल्कि उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चे का भी बंटाढार कर दिया है। प्रदेश झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष सुदामा मरांडी ने बीजू जनता दल की सदस्यता प्राप्त कर ली है और वे बंगीरीपोसी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा के एक पूर्व नेता भादब हंसदा सरसकाना विधानसभा क्षेत्र से बीजू जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले हैं।
नवीन पटनायक ने भाजपा को भी नहीं बख्सा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता गोलन नायक और बिम्बाधर कुंवर बीजू जनता दल में शामिल हो गए हैं। उर्मिला महापात्र भी भाजपा छोड़कर बीजू जनता दल में शामिल हो गई हैं।
दूसरी पार्टियों मंे संेधमारी करने के बाद नवीन अपने दल के लोकसभा सांसदों की संख्या बढ़ाने को लेकर आश्वस्त हैं। इस समय लोकसभा में उनके दल के 14 सांसद हैं। उनमें से 6 का टिकट उन्होंने काट दिया है। टिकट देते समय उम्मीदवारों की जीत की क्षमता का पूरा ध्यान रखा गया है। 147 विधायकों वाली विधानसभा में इस समय उनके दल के 103 विधायक है और वे उसकी संख्या बढ़ाने के प्रति भी आश्वस्त हैं। कांग्रेस के 27 विधायक पिछले चुनाव में जीते थे, लेकिन वह संख्या अब काफी कम होने वाली है। भारतीय जनता पार्टी के इस समय 6 विधायक हैं और उसकी संख्या बढ़ने वाली है। इस बात की पूरी संभावना है कि आगामी विधानसभ चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी अपने विधायकों की संख्या कांग्रेसी विधायकों की संख्या से ज्यादा कर लेगी और इस तरह वह विधानसभा में प्रमुख विपक्षी पार्टी बन जाएगी।
कांग्रेस पिछले 15 साल से सत्ता से बाहर है। इसके कारण उसका जनाधार तेजी से घट रहा है। सिकुड़ते जनाधार के कारण पार्टी नेता असहज महसूस कर रहे हैं और नवीन पटनायक उनको तोड़कर अपनी पार्टी में मिलाने में सफल हो रहे हैं। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी को नरेन्द्र मोदी की लहर का फायदा हो रहा है। (संवाद)
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नवीन ने चुनाव के पहले ही कांग्रेस को हाशिए पर धकेला
भाजपा बन सकती है उड़ीसा की मुख्य विपक्षी पार्टी
अशोक बी शर्मा - 2014-04-05 11:09
ओडिसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक लगातार चैथी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के लिए आश्वस्त दिख रहे हैं। विधानसभा चुनावों में इस बार उनको पहले से भी बड़ी जीत मिलने की संभावना है। इस समय उनकी पार्टी को लोकसभा में 14 सीटें मिली हुई हैं। चुनाव के बाद ये सीटें बढ़ जाने के पूरे आसार हैं।