वे जो कुछ कह रहे हैं, उससे साफ लगता है कि चुनाव के बाद उत्पन्न होने वाली स्थितियों से निपटने के लिए वे अपने आपको तैयार कर रहे हैं। चुनाव के बाद दो तरह की स्थिति पैदा हो सकती है। एक स्थिति तो यह हो सकती है कि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को पूर्ण बहुमत प्राप्त हो जाय। वैसी स्थिति में नरेन्द्र मोदी को पीएम बनने में कोई दिक्क्त नहीं आएगी। कहीं अन्य जगह से बहुमत का जुगाड़ करने के लिए किसी को कोई कोशिश भी नहीं करनी होगी। भाजपा ने ही नहीं, बल्कि एनडीए ने मोदी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित कर रखा है। जाहिर है एनडीए को अपने बूते बहुमत हासिल होने की स्थिति में नरेन्द्र मोदी का पीएम बनना एक औपचारिकता मात्र होगी।
एक अन्य स्थिति यह हो सकती है कि एनडीए को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हो। वैसी स्थिति में सरकार बनाने के लिए एनडीए को गैर एनडीए सांसदों या दलों के समर्थन की आवश्यकता पड़ेगी। तब शायद एनडीए पर अपना नेता बदलने के लिए दबाव पड़े। नरेन्द्र मोदी की कोशिश होगी कि एनडीए के बहुमत का जुगाड़ करने में वे खुद ही समर्थ हो जाएं और अपने नाम पर सहमति कराते हुए वे बाहर के सांसदों को एनडीए के साथ जोड़ें। यदि वे वैसा करने में सफल होते हैं, तो फिर उन्हें प्रधानमंत्री बनने में कोई मुश्किल नहीं होगी।
नरेन्द्र मोदी जो अभी कह रहे हैं, उसे देखकर यही लगता है कि वे चुनाव के बाद राजनैतिक दलों के बीच अपनी स्वीकृति का विस्तार करना चाहते हैं। यही कारण है कि जब उनसे भ्रष्टाचार के मामले के बारे में पूछा जाता है, तो वे कहते हैं कि वे भ्रष्टाचार के मसले पर राजनीति नहीं करते हैं। वे भ्रष्टाचार के मसले को दो तरह से देखते हैं। एक वह भ्रष्टाचार है, जो हो चुका है और दूसरा वह जो आगे हो सकता है। जो भ्रष्टाचार हो चुका है, उस पर वे अपनी सरकार की ज्यादा ऊर्जा नहीं खपाना चाहते हैं। और वे कहते हैं कि उनकी कोशिश रहेगी कि ऐसा व्यवस्था विकसित की जाय, ताकि आगे भ्रष्टाचार न हो सके। जाहिर है, जिन लोगों पर भ्रष्टाचार का मामला चल रहा है अथवा जिस पर भ्रष्टाचार का मामला चल सकता है, उसे नरेन्द्र मोदी भयभीत नहीं करना चाहते हैं। ऐसा वे इसलिए कर रहे हैं, ताकि भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे लोग भी उनको प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकारने में नहीं घबराएं।
चुनाव के बाद नरेन्द्र मोदी की एक बड़ी सहयोगी जयललिता हो सकती हैं। उनकी पार्टी को अच्छी खासी सीटें मिल सकती हैं। तमिलनाडु की डीएमके को भी कुछ सीटें मिल सकती हैं। भ्रष्टाचार के पुराने मुद़दों पर ज्यादा समय बर्बाद न करने की बात करके नरेन्द्र मोदी तमिलनाडु की इन दोनों पार्टियों को अपने साथ आने का रास्ता साफ करने की कोशिश कर रहे हैं। आंध्र प्रदेश के जगनमोहन रेड्डी पर भी मुकदमे चल रहे हैं। नरेन्द्र मोदी के इस प्रकार के बयान से उन्हें भी राहत मिल रही होगी।
तमिलनाडु या आंध्र प्रदेश की क्यों नरेन्द्र मोदी बिहार के नीतीश कुमार के बारे में भी नम्रता से बात कर रहे हैं। हालांकि चुनावी सभाओं का उनका बयान कुछ अलग होता है। पर वे यह भी कहते हैं कि यह कटुता चुनावों के पहले तक की ही है। वे राॅबर्ट वाड्रा के बारे में भी यही कहते हैं कि उनकी सरकार राजनैतिक बदले की भावना से काम नहीं करेगी। वे सोनिया गांधी और राहुल गांधी के लिए भी कुछ इसी तरह की बात करते हैं।
एक तरफ नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री पद के लिए अपने आपको पूरी तरह से तैयार करने में लगे हैं और वहां तक पहुंचने की अपनी सभी कठिनाइयों को अभी से पार करने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की उनके बयानो और कदमों पर नजर है। (संवाद)
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नरेन्द्र मोदी ने पीएम बनने की तैयारी शुरू की
भाजपा और संध की उनपर गड़ी है नजर
हरिहर स्वरूप - 2014-04-21 10:28
लोकसभा के लिए मतदान भी अभी तक सभी जगह संपन्न नहीं हो पाएग हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने अभी से अपने आपको अगले पीएम के रूप में देखना शुरू कर दिया है। चुनावी सभाओं और पत्रकारों को दिए गए साक्षात्कारों में उन्होंने अपनी सरकार की प्राथमिकताओं की चर्चा शरू कर दी है। वह बताने लगे हैं कि प्रधानमंत्री बनने के बाद वे क्या करेंगे और क्या नहीं करेंगे।