पहले आशंका जाहिर की जा रही थी कि मुजफ्फरनगर दंगे के कारण समाजवादी पार्टी को मुसलमानों का वोट नहीं मिल पाएगा। पर अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नये आत्मविश्वास से भरे दिखाई पड़ रहे हैं।
अन्य जगहों की तो बात ही छोड़ दें, समाजवादी पार्टी को मुजफ्फरनगर के मुसलमानों ने भी वोट डाले। गौरतलब है कि दंगे सबसे ज्यादा वहीं हुए थे।
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में नंबर एक पार्टी होगी और बसपा व भाजपा में दूसरे नंबर की पार्टी बनने के लिए मुकाबला है। उन्होंने कहा कि बसपा एक बार फिर जनता द्वारा ठुकरा दिए जाने के खतरे का सामना कर रही है। वह 2012 के विधानसभा चुनावों मे एक बार पहले भी ठुकरा दी गई है।
राजेन्द्र चैधरी ने कहा कि सांप्रदायिक और धर्मनिरपेक्ष ताकतों के बीच सीधा मुकाबला हो रहा है। हालांकि बसपा ने मतदाताओं को अपनी ओर खींचने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह ठुकरा दी गई।
मतदाताओं द्वारा बसपा को ठुकरा दिए जाने का कारण बताते हुए श्री चैधरी ने कहा कि बसपा का भाजपा से कई बार सत्ता के लिए गठबंधन हो चुका है, इसलिए धर्मनिरपेक्ष मतदाताओ को लगता है कि वह आगे भी भाजपा के साथ गठबंधन कर सकती है। यही कारण है कि लाख कोशिशों के बाद भी उसे जनता का समर्थन हासिल नहीं हो सका।
उन्होंने कहा कि अखिलेश सरकार द्वारा किए गए अच्छे कार्यो ने नरेन्द्र मोदी के कथित गुजरात माॅडल का मुकाबला किया।
दूसरी तरफ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी प्रदेश में मोदी लहर को देख रहे हैं। उनका कहना है कि पूरे राज्य में मोदी की लहर चल रही है और इसके कारण ही चुनाव का प्रतिशत ज्यादा रहा है। उनका दावा है कि इस लहर के कारण भाजपा को प्रदेश की 80 में से कम से कम 50 सीटों पर जीत हासिल होगी।
उसी तरह बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती का दावा है कि उनकी पार्टी को अनेक सीटे मिलेंगी और चुनाव के बाद सरकार के गठन में उनकी पार्टी की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
गौरतलब है कि मायावती कहती रही हैं कि देश में मोदी लहर नहीं है और यह टीवी चैनलों ने झूठ फैला रखा है। उन्होंने अल्पसंख्यक मतदाताओ से अनुरोध किया है कि वे उनकी पार्टी को वोट दें और उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने में बसपा की मदद करें। राजनैतिक पंडितों का मानना है कि दलित और मुस्लिम गठजोड़ बसपा को कई सीटंे दिला सकता है।
पर सचाई यह है कि बसपा अबतक मुसलमानों की पहली पसंद नहीं बन सकती है। वे हमेशा समाजवादी पार्टी को उसके ऊपर वरीयता देते रहे हैं। हालांकि बसपा ने आक्रामक ढंग से ब्राह्मण कार्ड भी खेला है और कुल 21 ब्राह्मणों को अपनी पार्टी के टिकट दिए हैं और वह उम्मीद करती है कि उसे ब्राह्मणों का वोट भी बहुत मिलेगा।
दावों की होड़ मे कांग्रेस क्यों पीछे रहे? उसके नेताओं का दावा है कि अबतक जितनी सीटों पर मतदान हुए हैं, उनमें से आधी से ज्यादा पर उसके उम्मीदवार ही चुनाव जीतेंगे।
आ रही खबरों के अनुसार मुस्लिम बहुल अनेक सीटों पर कांग्रेस को अच्छे वोट मिल हैं।
कांग्रेस के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी का कहना है कि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को उत्तर प्रदेश से 22 सीटे मिली थीं। इस बार उसकी संख्या और भी ज्यादा होगी। उन्होंने कहा कि पार्टी को केन्द्र की यूपीए सरकार की उपलब्धियों और सोनिया- राहुल की लोकप्रियता का लाभ मिल रहा है। त्रिपाठी ने कहा कि लोग जिस तरह भारी संख्या में मतदान कर रहे हैं, उसे देखकर यही लगता है कि कांगेस को बहुत सीटें मिलेंगी। (संवाद)
भारत
उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के बेहतर प्रदर्शन का दावा
मतदान प्रतिशत बढ़ने के लिए मोदी प्रभाव का भाजपाई राग
प्रदीप कपूर - 2014-05-05 17:10
लखनऊः उत्तर प्रदेश में अबतक हुए मतदान में मुस्लिम समर्थन से उत्साहित सपा नेताओं ने अपनी बड़ी जीत का दावा करना शरू कर दिया है। उत्साह में आकर समाजवादी पार्टी के नेताओं ने मतदान संपन्न होने वाले 47 लोकसभा क्षेत्रों में 30 पर जीतने का दावा किया है।