इस बीच मध्यप्रदेश के स्पेशल टास्क फोर्स ने मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग में भी घोटाले का भंडाफोड़ किया है। यह एक संवैधानिक संस्था है। फोर्स ने इसकी परीक्षाओं के नियंत्रक को गिरफ्तार किया है। परीक्षा नियंत्रक पर आरोप है कि उसने सरकारी अस्पतालों के आयुर्वेद डाॅक्टरों की नियुक्ति के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा का प्रश्न पत्र परीक्षा के पहले ही बेच डाला था। आयुर्वेदिक डाॅक्टरों का पद एक राजपत्रित पद होता है। आरोप है कि प्रश्न पत्र प्रत्येक लाभार्थी को 6 लाख रुपये में बेचे गए थे।

आयुर्वेद डाॅक्टरों के अलावा सरकारी काॅलेजों के शिक्षकों की बहाली में भी घोटाले के आरोप हैं। जांच चल रही है और पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इन शिक्षकों की बहाली में घोटाले का पैमाना क्या था?

दावा किया जा रहा है कि प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड (पीइबी) घोटाला पूरे देश में शिक्षा क्षेत्र में हुए अब तक सभी घोटालों में सबसे बड़ा हो सकता है। इसमें अबतक 300 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उन लोगों पर आरोप है कि वे किसी न किसी तरीके से पीइबी के घोटालों में शामिल रहे हैं।

गिरफ्तार किए गए लोगों मंे उम्मीदवार, उनके रिश्तेदार, जिन्होंने पैसों का भुगतान किया, बिचैलिए और बड़े अधिकारी शामिल हैं।

जब प्री मेडिकल टेस्ट में अनियमितता के बारे में पता चला, तो स्पेशल टास्क फोर्स ने मामले की जांच शुरू कर दी। पता चला कि पिछले कुछ सालो में पीइबी ने जितनी सारी परीक्षाएं आयोजित की हैं, उन सबमें भ्रष्टाचार हुआ है। इन परीक्षाओं मंे प्री मेडिकल, प्री इंजीनियरिंग, पुलिस सब इंस्पेक्टर, पुलिस कांस्टेबल, ठेका शिक्षक, बन सुरक्षा कर्मी व अन्य अनेक परीक्षाएं शामिल हैं।

अनेक बड़े लोग गिरफ्तार हुए हैं और उन्हें जेल भेज दिया गया है। एसटीएफ ने जिन मामलों में मुकदमा दर्ज किया है, उनका ट्रायल जारी है और आगे की जांच उच्च न्यायलय की निगरानी में की जा रही है।

अनेक ऐसे लोगों से भी एसटीएफ ने पूछताछ की है, जिन्हें अब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। उनमें लक्ष्मीकांत शर्मा प्रमुख हैं।

लक्ष्मीकांत शर्मा शिवराज सिंह चैहान मंत्रिमंडल में एक बहुत ही ताकतवर मंत्री हुआ करते थे। पिछले नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव के पहले तक वे सरकार में बने हुए थे। उनके पास उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और लोक संपर्क मंत्रालय हुआ करते थे। पीइबी तकनीकी शिक्षा विभाग के तहत ही आता है। शर्मा की गिरफ्तारी की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा रहा है। कहा जाता है कि शर्मा ने अपने विश्वस्त लोगों को कहा है कि यदि उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेजा जाता है, तो वे यह सुनिश्चित करेंगे कि और भी मंत्री इन घोटालों मंे जेल की हवा खाएं।

आश्चर्य की बात है कि इतने बड़े घोटालों के बावजूद मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की चैहान सरकार लगातार तीसरी बार सत्ता में आई और वह भी प्रचंड बहुमत के साथ। लोकसभा चुनाव में भी उसे प्रदेश की 29 सीटों में से 27 पर जीत हासिल हुई। (संवाद)