लेकिन पिछले दिनों पश्चिम बंगाल में यह देखने को मिला कि कुछ कम उम्र के किशोर अपने बड़ों के समर्थन से अपने क्षेत्र के एक अपराधी को घर घर जाकर ढूंढ़ रहे थे। यह घटना बामनगाछी इलाके की है। बामनगाछी 24 परगना जिले में है। यह पिछले 6 जुलाई की सुबह की घटना है। वे किशोर श्यामल कर्मकार नाम के एक अपराधी को ढूंढ़ रहे थे, जिसका तृणमूल कांग्रेस के साथ संबंध है। उसे उसकी बड़ी बहन के घर में भी ढूंढ़ा गया, लेकिन वहां वह नहीं मिला, तो उन किशोरों ने उस खाली घर को ही तहस नहस करना शुरू कर दियां

श्यामल पर आरोप है कि उसने पिछली 4 जुलाई को एक काॅलेज के छात्र की हत्या कर दी थी। सौरभ चैधरी नाम का वह छात्र सेकेड ईयर में पढ़ रहा था। उसने श्यामल गैंग के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी थी। श्यामल अपहरण और फिरौती के धंधे में लिप्त माना जाता है। वह अवैध शराब का ठेका भी चलाता है। उसके बारे में कहा जाता है कि स्थानीय रियल इस्टेट बिल्डरों का वह गुंडा है और एक तरह से पूरे प्रशासन पर भी उसी का नियंत्रण चलता है।

श्यामल को तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता से संरक्षण मिलता है। कहा जाता है कि एक बार जब स्थानीय लोगों ने उसे इलाके से बाहर खदेड़ दिया था, तो उसी तृणमूल नेता ने उसकी सहायता की थी और उसके बाद इलाके में उसकी वापसी कराई थी। तृणमूल के उस नेता ने लोगों को भरोसा दिलाया था कि अब श्यामल आगे से वैसी हरकतें नहीं करेगा। लेकिन जिन अपराधियों की उस तृणमूल नेता ने रक्षा की वे नहीं बदले हैं।

श्यामल के गुंडे एक स्थानीय व्यक्ति की पिटाई कर रहे थे, तब सौरभ ने उसका विरोध किया था। उस विरोध के कारण वह उन गुंडों की नजर में चढ़ गया। 4 जुलाई की रात को उन्होंने सौरभ को बुलाया और अपने साथ कहीं ले गए। कुछ घंटे के बाद ही क्षत विक्षत दशा में एक युवक का शव बरामद हुआ। उसे कई टुकड़ों में काट दिया गया था। बाद में उस युवक की पहचान सौरभ के रूप में हुई।

कहने की जरूरत नहीं कि तृणमूल कांग्रेस के शासनकाल में बंगाल में इस तरह की घटनाएं बहुत ही आम हो गई हैं। सुतिया इलाके में बरुण बिश्वास नाम का एक युवक उसी तरह मारा गया था। वह अपने इलाके में माफिया तत्वों के फलने फूलने का विरोध कर रहा था। उस पर हमला करने वाले लोगों की पहचान हो चुकी है, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सका है और वे खुले आम घूमते देखे जा सकते हैं। पुलिस कह रही है वह फरार है। उसी तरह हुगली जिले में भी तृणमूल नेता के संरक्षण में चल रही गुंडागर्दी का शिकार एक युवक हो चुका है।

प्रदेश में प्रशासन का पूरी तरह से राजनैतिककरण हो गया है और पुलिस प्रशासन तो लगभग ठप्प पड़ गया है। जब से तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनी है, उसी समय से यही माजरा है। तृणमूल नेताओं से संरक्षित अपराध में अपराधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई होती ही नहीं है और यदि कुछ होता भी है, तो वह दिखावे के लिए होता है। यही कारण है कि तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ लोगों के बीच असंतोष लगातार बढ़ता जा रहा है। (संवाद)