उमरिया की पहचान बंधवागढ़ राष्ट्रीय पार्क के कारण रही है। दुनिया भर से अनेक पर्यटक हर साल उमरिया आते हैं। लेकिन जिले का विकास सिर्फ पर्यटन से संभव नहीं है। जिले में आय का प्रमुख स्रोत खेती ही है। लेकिन किसान आधुनिक खेती को प्रयोग में लाने में दिलचस्पी नहीं ले रहे थे। इसके कारण फसलों का उत्पादन कम ही हुआ करता था। पर पिछले कुछ सालों से जिला प्रशासन कृषि के विकास के लिए अथक प्रयास कर रहा था। इसके कारण पिछले साल धान के उत्पादन में इस जिले में 175 फीसदी की वृद्धि हुई। इसके कारण देश भर की नजर इसकी ओर गई है। देश के किसी भी जिले में किसी भी अनाज के उत्पादन के विकास की दर इतनी तेज कभी नहीं रही है।
2012 में जिले का कुल खेती योग्य क्षेत्र लगभग 83 हजार हेक्टर था, जो 2013 में 23 फीसदी बढ़कर लगभग 103 हजार हेक्टर हो गया। धान उत्पादन वाले क्षेत्र में 20 फीसदी की वृद्धि हुई। धान की खेती के क्षेत्र में वृद्धि तो 20 फीसदी ही हुई थी, लेकिन धान की उत्पादकता 129 फीसदी बढ़ गई। इसके कारण धान का कुल उत्पादन 175 फीसदी ज्यादा हुआ।
ए टी एम ए (आत्मा) परियोजना के तहत जिला प्रशासन ने चावल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए जबर्दस्त अभियान चलाया। पिछले साल उन्होंने एस आर आई (सिस्टम आॅफ राइस इंटेंसिफिकेशन) यानी श्री रथ अभियान शुरू किया। इसके तहत किसानों को प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षित युवा किसानों से अभियान चलाया गया। उन्हें किसान मित्र और किसान दीदी का दर्जा दिया गया। ग्राम चैपाल प्रत्येक सप्ताह आयोजित किए गए। इसके कारण किसानों पर अच्छा असर पड़ा। इसके कारण धान पैदा करने वाले क्षेत्र मे भी विकास हुआ और जमीन की उत्पादकता भी बढ़ी। इसके कारण खाद्य के उत्पादन मे जबर्दस्त इजाफा हुआ।
जिले के अनेक किसानों को राज्य और राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार भी दिए गए। उनकी उपलब्धियों से अन्य किसानों को भी प्रेरणा मिल रही है। इसके कारण और भी ज्यादा किसान श्री का इस्तेमाल करने जा रहे हैं। (संवाद)
भारत
श्री रथ अभियान से अनाज का उत्पादन बढ़ा
मध्य प्रदेश सरकार ने एक अच्छा उदाहरण पेश किया
राजु कुमार - 2014-08-09 12:02
भोपालः मध्य प्रदेश भारत का एक ऐसा प्रदेश है, जो अनाज के उत्पादन में नया रिकार्ड बना रहा है। राज्य के विकास में कृषि ने सबके ऊपर बाजी मार ली है। प्रदेश के कुछ जिले, जिसमें कृषि की उत्पादकता बहुत ही कम थी, अब कृषि के विकास में बहुत ज्यादा योगदान कर रहे हैं। उमारिया उन जिलों में एक है, जहां खेती को लाभदायक पेशा नहीं माना जाता था। पर पिछले साल वहां धान का रिकाॅर्ड उत्पादन हुआ है और उसके कारण जिले की आर्थिक विकास दर बहुत तेज हो गई है। उसने प्रदेश की कृषि के विकास में बड़ा योगदान किया है।